भिंड। प्रदेश सरकार के विरोध में खड़े संतों की लोकतंत्र बचाओ यात्रा शुक्रवार को मेहगांव विधानसभा में पहुंची, जहां यात्रा के संयोजक कंप्यूटर बाबा ने जनता को संबोधित किया और कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए लोगों को गद्दार कहते हुए उन्हें वोट नहीं देने की अपील की.
ओपीएस भदौरिया गद्दार नंबर 6- कंप्यूटर बाबा बीजेपी की पूर्व सरकार के दौरान राज्यमंत्री का दर्जा छोड़ चुके कंप्यूटर बाबा लगातार कांग्रेस का साथ देते समर्थन करते नजर आ रहे हैं. 2018 के चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस का भरपूर समर्थन किया था और अब जब उपचुनाव है तो कंप्यूटर बाबा और बाली बाबा डेढ़ सौ साधु संतों के साथ लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकाल रहे हैं. उनकी यात्रा गुरुवार को मेहगांव विधानसभा में पहुंची देर रात उन्होंने मेहगांव विधानसभा की जनता को संबोधित किया, उन्होंने जनता से अपील की है कि ऐसे गद्दारों को वोट नहीं देना हैं.
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गद्दारों को वोट न दे जनता
कंप्यूटर बाबा और बाली बाबा के नेतृत्व में चल रही यह यात्रा प्रदेश की उन 25 विधानसभाओं में जा रही है, जहां कांग्रेस के 25 विधायकों ने बगावत कर बीजेपी ज्वाइन कर ली है और अब उपचुनाव लड़ रहे हैं. कंप्यूटर बाबा और बाली बाबा मतदाताओं के बीच पहुंचकर बीजेपी के इन 25 उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं.
संत का काम लोकतंत्र की हत्या न होने दे
कंप्यूटर बाबा का कहना है कि लोगों में अब अलग ही प्रोत्साहन कांग्रेस के लिए नजर आता है. वे पहले ही सिंधिया समर्थित बीजेपी प्रत्याशियों को गद्दार कहने लगे हैं. संत समाज तो बस जनता से अपील करने जाता है कि इस बार कांग्रेस की सरकार दोबारा बनवानी है, क्योंकि बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या की है. साधु संतों का धर्म है कि वह लोकतंत्र की हत्या ना होने दें.
भदौरिया गद्दार नंबर 6
कंप्यूटर बाबा ने बताया कि उन्होंने मेहगांव विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बीजेपी के ओपीएस भदौरिया को गद्दार नंबर 6 नाम दिया है. उन्होंने यह नाम सिंधिया से नजदीकी के आधार पर दिया है, उनका कहना है कि जनता अब उन्हें जवाब देगी कि गद्दार नंबर 6 को पैसा बेंगलुरु से मिला था तो वोट भी वह बेंगलुरु में जाकर मांगे इसके अलावा उन्होंने सीएम शिवराज और बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए.
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बीजेपी सरकार में छोड़ा राज्यमंत्री का दर्जा
बता दें कि कंप्यूटर बाबा को मध्य प्रदेश में पूर्व की बीजेपी सरकार के दौरान राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था, लेकिन उन्होंने यह दर्जा कुछ ही दिनों में लौटा दिया था. इस मामले को लेकर कंप्यूटर बाबा का कहना कि शिवराज और उनका परिवार नर्मदा नदी में अवैध उत्खनन कर रहे थे इसी कारण संत समाज ने यह निर्णय लिया था कि ऐसी सरकार के साथ नहीं रहना जो नदियों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हों अवैध उत्खनन करके उनका सीना छलनी करें.
संत समाज की ये लोकतंत्र बचाओ यात्रा 25 विधानसभाओं में पहुंच रही है. जहां उपचुनाव होना है और कांग्रेस के बागी हुए विधायक आज बीजेपी से प्रत्याशी हैं. अब तक 20 विधानसभा में संतों की टोली इस यात्रा को लेकर पहुंच चुकी है और बाकी जगहों पर इस यात्रा को लेकर पहुंच रही है.