भिंड।जिले के अटेर और रौन क्षेत्र में साल 2019 में जो जलप्रलय आया था, उसका हर कोई साक्षी रहा. बारिश में चंबल नदी के ऊफान पर आने से नदी के आसपास के इलाकों में भयावह स्थिति बन जाती है. साल 2019 की घटना से सीख लेकर भिंड जिला प्रशासन हर साल बारिश से पहले ही तमाम तैयारियां शुरू कर देता है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें, तो इस साल भी जोरदार बारिश की संभावना है. जिले में मानसून को लेकर अलर्ट भी जारी कर दिया गया है. दूसरी तरफ से आपदा से निपटने के लिए पहले ही प्रशासन ने कमर कस ली है. इस बार प्रशासन की तरफ क्या खास तैयारियां की गई हैं, जानने के लिए यह रिपोर्ट पढ़िए...
साल 2019 के खौफनाक मंजर से ली सीख
साल 2019 में भिंड के अटेर में आई बाढ़ का खौफ आज भी लोगों के जहन में हैं. उस समय चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर था. अटेर के करीब डेढ़ दर्जन गांव डूब प्रभावित थे. प्रशासन लगातार गांव के गांव खाली करवा रहा था, लेकिन चंबल के लगातार बढ़ते जलस्तर से कई गांवों का संपर्क टूट गया. पहले होमगार्ड जवानों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा था, लेकिन थोड़ी देर बाद ही हालात बेकाबू हो गए, फिर NDRF और आखिर में सेना तक को बुलाना पड़ा.
बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए करीब 1 हफ्ते तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान लोगों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका था. लेकिन सही समय पर मदद मिल जाने से कोई जनहानि नहीं हुई, 1 हजार परिवारों को सुरक्षित बचा भी लिया गया था. इसी खौफनाक मंजर के बाद प्रशासन ने सीख ली.
मानसून आते ही प्रशासन सतर्क
मानसून की दस्तक के साथ ही भिंड प्रशासन ने बाढ़ आपदा प्रबंधन का काम शुरू कर दिया है. आपदा प्रबंधन की बैठक में रणनीति बनाई जा रही है. प्रशासन ने अभी से कंट्रोल रूम बनाने की तैयारी भी कर ली है. होमगार्ड जवानों को भी इस संकट से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है. कलेक्टर-एसपी भी क्षेत्र का दौरा कर लोगों को अलर्ट कर चुके हैं.
इसके अलावा SDM और CMO को निर्देशित किया गया है कि यदि रिलीफ कैंप लगाए गए तो उनके लिए समुचित व्यवस्था पहले से बना कर रखें. होमगार्ड और SDRF केंद्रों का भी एसपी और कलेक्टर ने निरीक्षण किया. जहां उन्होंने जरूरत के टूल्स और इक्विप्मेंट की जानकारी ली. कोई भी कमी होने पर खरीदारी के लिए व्यवस्था बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं.