बैतूल। सारनी पावर हाउस की नई इकाइयों के अभाव में वर्तमान का समय गुजर गया है, ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि, रोजगार की तलाश में लोगों को सारनी छोड़ कर दूसरे शहरों में जाना पड़ रहा है. 62.5 मेगावाट की पांच छोटी इकाइयों को डिस्मेंटल करने का काम जिस ठेकेदार को दिया गया था, उस ठेकेदार ने अपने डिस्मेंटल के कार्य को निर्धारित समय सीमा से दो साल विलंब किया है. जिसकी वजह से 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई की सौगात सारनी को नहीं मिल पाई है.
वहीं प्रदेश में दोबारा बीजेपी की सरकार आई है, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के सांसद दुर्गादास उइके, क्षेत्रीय विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे, भाजपा के जिला मंत्री रंजीत सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष सुधा चंद्रा सहित अन्य पदाधिकारी अपने- अपने स्तर पर सारनी में नई इकाई स्थापित करवाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं.
जिला मंत्री रंजीत सिंह, मंडल अध्यक्ष सुधा चंद्रा ने बताया कि, सारनी में नई इकाई की सौगात मिले इसको लेकर ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की गई है. जिस पर उन्होंने सारनी में सर्वे की टीम भेजने का आश्वासन दिया था. जिसे पूरा करने में दो साल से ज्यादा का समय लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है, वहीं 62.5 मेगावाट की पांच छोटी इकाइयों के डिस्मेंटल होने के बाद क्षेत्रवासियों को उम्मीद थी कि, 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई सारनी में स्थापित होगी. छोटी इकाइयों को डिस्मेंटल करने का कार्य साल 2012 से लेकर 16 के बीच किया गया, लेकिन समय सीमा में कार्य पूरा न होने के कारण ये इकाइयां सारनी में स्थापित नहीं हो पाई.
सारनी में स्थापित होने वाली चार बड़ी इकाइयां राजनीतिक दबाव की वजह से खंडवा जा चुकी हैं, ऐसी स्थिति में वर्तमान समय में सारनी में नई इकाई की आवश्यकता है. यदि सारनी शहर में नई इकाई की सौगात नहीं मिली, तो इस क्षेत्र को उजाड़ होने से कोई नहीं बचा सकता, हालांकि वर्तमान समय में स्थिति बहुत ज्यादा चिंताजनक है, क्षेत्र के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है, कॉलोनियां उजड़ चुकी हैं. ऐसी स्थिति में नई इकाई की सौगात मिलना ऑक्सीजन का काम करेगा.
वहीं बीजेपी के जिला मंत्री रंजीत सिंह का कहना है कि, सारनी क्षेत्र में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल एक इकाई का चुनाव के पहले मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी. उस इकाई को धरातल पर लाने के लिए भाजपा के विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे सहित सांसद के माध्यम से मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से मुलाकात करके इकाई धरातल पर लाने का कार्य किया जाएगा. इसके लिए एक सर्वे एजेंसी भी नियुक्त कि गई है, जो जल्दी ही सारनी आकर सर्वे का कार्य शुरू करेगी.