बैतूल।मध्यप्रदेश के बैतूल में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में सवा करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को जमानत मिल गई. मुलताई के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने विनय ओझा की जमानत मंजूर की है. विनय ओझा बैतूल में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में सहायक प्रबंधक के पद पर थे. गबन के मामले में वह लंबे समय से फरार थे. पिता को जमानत मिलने के बाद पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा ने कहा कि उनके पिता को गलत तरीके से आरोपी बनाया गया है. (Betul bank of Maharashtra scam)
सोमवार को किया था गिरफ्तार:बैंक आफ महाराष्ट्र के गबन कांड के आरोपी विनय ओझा को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था. जहां से एक दिन की रिमांड पर लिया था. मंगलवार को पहले उन्हें जेल वारंट पर जेल भेजा गया. इसके बाद उनके अधिवक्ता की ओर से दूसरी कोर्ट में प्रस्तुत जमानत आवेदन पर सुनवाई की गई. आवेदन को स्वीकार कर उन्हें जमानत दे दी गई. उन पर सवा करोड़ के गबन मामले में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज है.
फरियादी को बनाया आरोपी:जेल से बाहर आने पर विनय कुमार ओझा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया. उनका कहना है कि इस गबन कांड की शिकायत उन्होंने खुद की थी. मैं खुद थाने गया और सरेंडर किया. उन्होंने कहा मेरे बेटे के नाम पर मुझे दबाया गया. वहीं नमन ओझा ने कहा कि हमें बेल मिल गई है, क्योंकि आरोप तो कुछ था ही नहीं. गलत तरीके से आरोपी बनाया था जिसके चलते मेरे पिता बहुत परेशान रहते थे. आरोपी के वकील अंशुल गर्ग का कहना है की पुलिस ने फरियादी को आरोपी बना दिया. 2013 में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर अभिषेक रत्नम ने विनय ओझा की अनुपस्थिति में बैंक खुलवाकर गबन किया. इसकी शिकायत विनय ओझा ने खुद की और किसानों को भी सूचना दी.
मेरे दो केसीसी खाते थे. एक में एंट्री उस दिन की थी जब मैं बैंक में नहीं था. मैंने देखा कि रविवार के दिन एंट्री हुई थी. मेरे आईडी पासवर्ड चोरी किए गए थे. जिन तारीखों में यह कार्य किया गया. उन तारीखों में मैं बैंक में उपस्थित ही नहीं था. इसकी शिकायत मैंने बैंक अधिकारियों से की थी.