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गांवों को ODF कराने वाले स्वच्छता ग्राही कार्यमुक्त, PM से लगाई गुहार

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Published : Jan 28, 2020, 6:52 PM IST

Updated : Jan 29, 2020, 12:02 AM IST

गांवों को खुले में शौच मुक्त करने के लिए भर्ती किए गए प्रेरकों को हटा दिया गया है, जिससे सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गए है. इसी समस्या को लेकर मंगलवार की जनसुनवाई में स्वच्छता ग्राहियों ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है.

Swachhagrahis kept under Swachh Bharat Mission removed
स्वछताग्राहियों को हटाया गया

बैतूल। गांवों को खुले में शौच मुक्त कराने के लिए भर्ती किए गए स्वच्छता ग्राहियों को पद से हटा दिया गया है, इसकी वजह से बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हो गए हैं. स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2014 में इन प्रेरकों की हर ग्राम पंचायत में भर्ती की गई थी, हाल ही में स्वच्छताग्राहियों को बिना किसी सूचना के हटा दिया गया है. जिसके चलते मंगलवार की जनसुनवाई ने सैकड़ों स्वच्छता ग्राहियों ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है.

हटाए गए स्वच्छता ग्राही

जिले भर में स्वच्छता ग्राहियों का मुख्य काम ग्रामीणों को खुले में शौच से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना और लोगो को स्वच्छता के लिए प्रेरित करना है. इसके लिए उन्हें करीब 45 सौ लेकर 65 सौ रुपये तक का मानदेय हर महीने दिया जाता है. लेकिन शासन के इस कदम से सैकड़ों स्वच्छता ग्राही बेरोजगार हो गए हैं.

वहीं स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक कमलेश फोटफोड़े ने बताया कि, पहले एक बार स्वच्छता ग्राहियों की सेवा लेने के संबंध में आदेश प्राप्त हुए थे, लेकिन सितंबर 2019 के बाद से स्वच्छता ग्राहियों की सेवा बढ़ाए जाने को लेकर कोई भी दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं. यदि भविष्य में किसी भी तरह के दिशा निर्देश प्राप्त होते हैं तो उसी के आधार पर आगामी कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी.

Last Updated : Jan 29, 2020, 12:02 AM IST

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