बैतूल।कोरोना महमारी से लड़ाई में सतर्कता और नवाचार के चलते घोड़ाडोंगरी तहसील का सलैया गांव कोरोना से मुक्त होने की कगार पर आ गया है. गांव में 19 कोरोना पॉजिटिव मामले आने के बाद सतर्कता और नवाचार ने 10 दिन में गांव को रेड जोन से बाहर ला दिया. गांव के लोगों के युद्धस्तर पर किये गए प्रयासों और जागरूकता के लिए प्रदेश सरकार ने सलैया गांव को प्रदेश की कोरोना से लड़ाई में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत घोषित किया है.
ग्राम स्तरीय दल के द्वारा किये गये कार्य
ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका एवं ग्राम कोटवार ग्राम स्तरीय दल के सदस्य हैं. इनका काम था कि जैसे ही किसी व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की सूचना प्राप्त होती थी, सर्वप्रथम उस व्यक्ति को होम आइसोलेट कर घर के बाहर पीला पर्चा चस्पा करा देते थे. प्रतिदिन दिन में तीन बार इस दल द्वारा संबंधित व्यक्ति के घर जाकर इस बात की पुष्टि की जाती थी, कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी व्यक्ति का प्रवेश अथवा कोई भी व्यक्ति कंटेनमेंट से बाहर नहीं जा रहा है. आस-पडोस के घरों से भी इसकी जानकारी ली जाती थी. साथ ही 45 से अधिक आयु के व्यक्तियों को वैक्सिनेशन के लिए प्रेरित कर वैक्सिनेशन केन्द्र तक पहुंचाया गया,
महिला स्व सहायता समूह द्वारा किये गये कार्य
ग्राम पंचायत सलैया के बजरंग आजीविका स्व सहायता समूह द्वारा लॉकडाउन एवं जनता कर्फ्यू अवधि में दो हजार मास्क तैयार किये गये, जिसका वितरण ग्रामीणों एवं मनरेगा श्रमिकों को किया गया. समूह द्वारा ग्राम की अन्य महिलाओं को भी इस महामारी के संबंध में जागरूक किया गया एवं कोविड प्रोटोकाल का पालन कराये जाने में इनका सहयोग प्राप्त होता रहा है.