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कितना बदला चिट्ठी का सफर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में क्या हैं हालात

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Published : Oct 9, 2021, 8:49 AM IST

1874 में 9 अक्टूबर के दिन यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union) का गठन करने के लिए स्विट्जरलैंड की राजधानी में 22 देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसके बाद वर्ष 1969 में जापान के टोक्यो में हुए सम्मेलन में विश्व डाक दिवस के रूप में 9 अक्टूबर को चयन किए जाने की घोषणा हुई.

World Post Day
विश्व डाक दिवस

बालाघाट। विश्व डाक दिवस (World Post Day) 9 अक्टूबर को पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है. डाक दिवस को मनाने का मकसद लोगों को डाक सेवाओं (Post Service) और डाक विभाग के बारे में जागरूक करना है. इस अवसर पर हम आपको डाक विभाग से जुड़ी खास दिलचस्पी जानकारियों से अवगत करा रहे हैं. गौरतलब हो कि सन् 1874 में 9 अक्टूबर के दिन यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union) का गठन करने के लिए स्विट्जरलैंड की राजधानी में 22 देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसके बाद वर्ष 1969 में जापान के टोक्यो में हुए सम्मेलन में विश्व डाक दिवस के रूप में 9 अक्टूबर को चयन किए जाने की घोषणा हुई.

भारत में डाक दिवस की शुरुआत
भारतीय डाक सेवा दुनिया की सबसे बड़ी डाक प्रणाली है. ऐसे में आज आपको हम बताते हैं कि हमारे देश में डाक सेवा की शुरुआत कब हुई. भारतीय डाक सेवा (Indian Post Service) की स्थापना यूं तो 166 साल पहले 1 अप्रैल 1854 को हुई थी, लेकिन सही मायने में इसकी स्थापना 1 अक्टूबर 1854 को मानी जाती है. वर्तमान में संपूर्ण भारत में 155015 डाक ऑफिस कार्यरत हैं.

डाक व्यवस्था को लेकर विशेष जानकारियां

  • 1814 -डाक और तार दो विभाग अस्तित्व में आए.
  • 1863 -रेल डाक सेवा प्रारंभ की गई.
  • 1873 -नक्काशी दार लिफाफे की बिक्री प्रारंभ.
  • 1806 -भारत पार्सल पोस्टल यूनियन में शामिल.
  • 1877 - वीपीपी और पार्सल सेवा आरंभ की गई.
  • 1880 -पोस्टकार्ड आरंभ किया गया.
  • 1880 -मनीआर्डर सेवा प्रारंभ की गई.
  • 1908 - भारत के 652 देशी राज्यों में से 635 राज्यों ने भारतीय डाकघर में शामिल होना स्वीकार किया.
  • 1911 -प्रथम एयर मेल सेवा इलाहाबाद से नैनी डाक से भेजी गई.
  • 1914 -प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत में डाक और तार विभागों को मिला दिया गया.
  • 1935 -इंडियन पोस्टल प्रारंभ किया गया.
  • 1949 -1 जनवरी भारत के 9 तार घरों आगरा, इलाहाबाद, कानपुर, पटना, जबलपुर और वाराणसी आदि में हिंदी में तार सेवा की शुरुआत हुई.
  • 1972 -15 अगस्त पिनकोड पद्धति प्रारंभ किया गया.
  • 1984 -डाक जीवन बीमा का प्रारंभ.
  • 1985 -पोस्ट और टेलिकॉम विभाग प्रथक किए गए.
  • 1986 -स्पीड स्पीड पोस्ट सेवा शुरू की गई.
  • 1990 -डाक विभाग मुंबई और चेन्नई में दो स्वचालित डाक प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किए गए.
  • 1995 -ग्रामीण डाक जीवन बीमा की शुरुआत.
  • 1996 -मीडिया डाक सेवा का प्रारंभ किया गया.
  • 1997 -बिजनेस पोस्ट सेवा को प्रारंभ किया गया.
  • 1998 -उपग्रह डाक सेवा शुरू.
  • 1999 -डाटा दाखवा एक्सप्रेस डाक सेवा प्रारंभ हुई.
  • 2000 -ग्रीटिंग पोस्ट सेवा प्रारंभ.
  • 2001-इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सेवा प्रारंभ.
  • 2002 -3 जनवरी इंटरनेट आधारित ट्रैक एवं टैक्स सेवा की शुरुआत .
  • 2003 -15 सितंबर बिल मेल सेवा प्रारंभ.
  • 2004 -30 जनवरी की पोस्ट सेवा की शुरुआत.
  • 2004 -10 अगस्त लॉजिस्टिक पोस्ट सेवा प्रारंभ की गई.
  • 2011 -श्रीनगर के डल झील में तैरता हुआ डाकघर आरंभ हुआ.
  • 2013 -15 जुलाई तार का सिस्टम खत्म हो गया.

कितना बदला चिट्ठी का सफर
इस दौरान बालाघाट प्रधान डाकघर के अधीक्षक जेके कावड़े ने चर्चा के दौरान बताया कि फर्स्ट क्लास मेल स्वाभाविक रूप से कम हुआ है. फर्स्ट क्लास मेल (First Class Mail) जिसमें अंतर्देशीय पत्र, पोस्ट कार्ड आदि आते हैं, जिसमें व्यक्तिगत संदेश प्रेषित करते थे. आजकल सोशल मीडिया व्हाट्सएप, फेसबुक आदि की वजह से कमी तो आई है, लेकिन कमर्शियल परपज से डाक का ज्यादा इस्तेमाल किया जाने लगा है. दूरस्थ दुर्गम स्थानों पर अभी भी पोस्ट कार्ड या अंतर्देशीय पत्र का इस्तेमाल कुछ लोग करते हैं. मगर अपेक्षाकृत न के बराबर ही उपयोग किया जा रहा है. सेकेंड क्लास मेल यानी कमर्शियल जो रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट है, जो काफी लोकप्रिय भी हो गई है. इन सेवाओं में काफी उछाल आया है.

एलडब्ल्यूए में नॉमिनेटेड है बालाघाट
कावड़े ने बताया कि बालाघाट जिला एलडब्ल्यूए यानी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नॉमिनेटेड है. इसमें सरकार की एक स्कीम (Government Scheme for Post Office) है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के मुख्यालय में डाक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. यह टारगेट निश्चित करके काम किया जा रहा है. सभी पंचायतों के मुख्यालय पर डाक सेवाओं के संचालन के लिए एक डाकघर खोलने की योजना बनाई जा रही है. अभी हमारे द्वारा सूचना दी गई है कि किन-किन जगहों पर डाकघर खोला जाना है.

नक्सल क्षेत्र में पोस्ट ऑफिस से मिल रहा अच्छा रिस्पांस
जेके कावड़े ने बताया कि उनके द्वारा जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र सोनगुड्डा में हाल ही में सुकन्या समृद्धि योजना को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस योजना अंतर्गत जिसमें 0 से लेकर 10 वर्ष तक की बालिकाओं को लाभान्वित किया जाता है. 1 अप्रैल से अभी तक लगभग 30,000 खाते खोले गए हैं. अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र सोनगुड्डा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एव ग्रामीणों से मीटिंग के दौरान काफी अच्छा रिस्पांस पोस्ट ऑफिस के माध्यम से मिला.

जानें, आज क्यों मनाया जाता है World Post Day, भारत क्यों है इसका सरताज

इंटीरियल में हमारे कर्मचारी जाते भी हैं तो कहीं ऐसा डर की भावना जो आम लोगों में होती है. वैसी दहशत या डर का माहौल हमारे कर्मचारियों में नहीं है. वहां के अन्य लोगों को दहशत महसूस होती हो अलग बात है. मगर हम लोगों में किसी प्रकार की दहशत या डर नहीं है. हम इन क्षेत्रों में भी निर्भीक होकर कार्य करते हैं.

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