बालाघाट। छोटे से गांव लालबर्रा ने आत्मनिर्भरता की एक बड़ी मिसाल पेश की है. क्षेत्र के अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी. मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी थी. यह देखते हुए गांव के लोगों ने यह निर्णय लिया कि वे चंदा लेकर अपने गांव में अस्पताल बनाएंगे. सरकारी छात्रावास बिल्डिंग प्रशासन से मांगी गई और गांव वालों ने देखते ही देखते ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन खरीदी. अब इस गांव का मरीज गांव में ही उपचार करा रहा है. जिन्हें पास के ही सरकारी चिकित्सालय के डॉक्टर आकर देखते हैं लेकिन इनके लिए ऑक्सीजन से लेकर भोजन तक सारी व्यवस्था गांव के लोगों ने चंदे से की है.
अस्पताल में है 25 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
बता दें कि बालाघाट जिला मुख्यालय से तकरीबन 26 किलोमीटर दूर लालबर्रा गांव है. इस गांव के पास अब अपना कोविड अस्पताल है, जो कि छात्रावास के भवन में गांव वालों ने ही बनाया है. गांव वालों ने इस अस्पताल में लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट देने के लिए 25 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की है.
विधायक ने भी किया सहयोग
गांव वालों की इस मुहिम से बाद में क्षेत्रीय विधायक गौरीशंकर बिसेन भी जुड़े और उन्होंने भी अपनी तरफ से पांच मशीनें इस गांव के अस्पताल को दी हैं. स्थानीय निवासी कैलाश अग्रवाल ने बताया कि चार दिन पहले अस्पताल गांव के लोगों ने मिलकर हमारी संस्था के सहयोग से शुरू किया था. यहां फिलहाल 30 बेड हैं, जिसमें 12 मशीन रखीं है. इसके अलावा 13 मशीनें और आ रही हैं. यह सब कुछ मिलकर किया गया है.