बालाघाट। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए बालाघाट में जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिले के समस्त 10 विकास खंडों में फीवर क्लीनिक प्रारंभ किया गया है. जहां पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. गौरतलब है कि, बालाघाट में अभी तक 12 करोना से संक्रमित पॉजिटिव मरीज मिले हैं. जिसमें से 7 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, वहीं 5 मरीजों का इलाज कोविड-19 केयर सेंटर में चल रहा है.
कोरोना संकट: फीवर क्लीनिक की हुई शुरुआत, सर्दी-खांसी के मरीजों का होगा इलाज
बालाघाट जिला प्रशासन ने जिले के समस्त 10 विकास खंडों में फीवर क्लीनिक की शुरुआत कर दी है. जहां पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीजों का सर्दी, खांसी, बुखार की जांच और इलाज किया जा रहा है.
बता दें कि, प्रदेश में बालाघाट ही एक ऐसा जिला है जहां पर पूरे देश से लगभग एक लाख 10 हजार प्रवासी मजदूर आए हुए हैं. जिसमें हजारों प्रवासी मजदूर ऐसे हैं, जो कि कोरोना संक्रमित प्रदेशों से आए हैं. जिनमें सैकड़ों ऐसे मजदूर हैं, जो सर्दी खांसी बुखार की समस्या से ग्रसित हैं. जिनकी जांच के लिए पूरे जिले के बालाघाट, परसवाड़ा, कटंगी, तिरोड़ी, वारासिवनी, लांजी, किरनापुर, बैहर, बिरसा सहित 10 तहसीलों में अलग से फीवर क्लीनिक बनाया गया है. जहां पर कोरोना संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है.
बालाघाट के फीवर क्लिनिक प्रभारी अरुण लांजेवार ने बताया कि, फीवर के प्रतिदिन 60 से 70 मरीज सर्दी खांसी बुखार से पीड़ित आ रहे हैं. जिनकी जांच की जा रहा है. उनकी ट्रैवल हिस्ट्री भी पूछी जा रहा है. अगर वो कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आया हुआ है तो उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है. यदि उनकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, तो दवाइयां देकर घर भेज दिया जाता है. जहां पर उसकी सतत निगरानी की जाती है.