बालाघाट। आस्था के नाम पर आये दिन फर्जी बाबाओं के पाखंड देखने को मिलते हैं. बालाघाट के हट्टा थाना क्षेत्र का डुंडा सिवनी ग्राम पंचायत पिछले कुछ दिनों से आस्था का केंद्र बना था. मंगलवार को भी वहां भक्तों की भीड़ लगी थी, लेकिन आज इनके अंदर श्रद्धा नहीं, बल्कि आक्रोश उबल रहा था, यदि मौके पर पुलिस नहीं पहुंचती तो कल तक पैर छूकर आशीर्वाद लेने वाले भक्त अपने गुरू को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार देते.
कल तक जिसका पैर छूकर लेते थे आशीर्वाद, आज उसी की जान लेने पर आमादा आवाम?
आस्था के नाम पर आये दिन फर्जी बाबाओं के पाखंड देखने को मिलते हैं. बालाघाट के हट्टा थाना क्षेत्र का डुंडा सिवनी ग्राम पंचायत पिछले कुछ दिनों से आस्था का केंद्र बना था
जानकारी के मुताबिक, कबीर पंथ के सुबोध दास उर्फ मंगलदास बाबा मंगलवार को 10 बजकर 15 मिनट पर प्राण त्यागने वाले थे. जिसके चलते हजारों भक्त जमा हो गये, काफी इंतजार के बाद भी जब बाबा का दावा झूठा निकला तो भक्तों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. जिसके बाद घंटों तक बाबा सुबोधदास और उनके सेवकों का हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. सुबोधदास अपने सेवक जनपद सदस्य के यहां पिछले कुछ दिनों से रहकर कबीर पंथ के अनुयाई और अन्य भक्तों को प्रवचन दे रहे थे और भजन-र्कीतन कर रहे थे.
प्रवचन के दौरान ही कुछ दिनों पहले सुबोध दास ने सेवकों को बताया था कि गुरू कबीर की इच्छानुसार वे 25 जून को प्राण त्याग देगें. ये खबर दूर-दराज तक फैल गई. जिसके बाद गांव में भीड़ उमड़नी शुरू हो गई. जब भीड़ को बाबा का दावा झूठा दिखा तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने बड़ी सावधानी से आक्रोशित भीड़ के बीच से पत्थरों से टकराते हुए बाबा को सुरक्षित निकाला.