अशोकनगर।इतिहासों की नगरी चंदेरी में एक प्राचीन मंदिर स्थित है जो की मां जागेश्वरी देवी के नाम से प्रसिद्ध है. इस मंदिर को चंदेरी के राजा कीर्तिपाल ने बनवाया था. यह मंदिर कीर्ति दुर्ग किले के पास स्थित है.
मंदिर में माता जागेश्वरी जी की प्रतिमा है जो की घने जंगलों के बीच एक खुली गुफा में स्थित है तथा मंदिर में एक शिवलिंग भी है, जिसमे अंदर 1100 छोटे शिवलिंग स्थापित है. मंदिर पर पहुंचने के दो रास्ते है, पहला रास्ता किले के मार्ग से होते हुए सीधे मंदिर तक जाता है और दूसरा रास्ता किले के पास स्थित सीढ़ियों से सीधे नीचे मंदिर तक पहुंचता है.
मंदिर का इतिहास
चंदेरी के शाशक राजा कीर्तिपाल जो कोढ़ की बीमारी से पीड़ित थे. एक बार राजा जब जंगल में शिकार को जा रहे थे, तब उन्हें एक तलाब दिखा जिसमे उन्होंने जाके स्नान किया. स्नान करते ही राजा कीर्तिपाल का कुष्ट रोग ठीक हो गया. जिस तालाब में राजा ने स्नान किया था उसका नाम परमेश्वर तालाब है. राजा कीर्तिपाल का रोग ठीक होते ही राजा भगवान का धन्यवाद करने लगे. उसी समय वहां एक देवी जी प्रकट हुई और वह बोली वो उनका एक मंदिर बनवाएं जहाँ राजा शिशुपाल यज्ञ करते थे.