अलीराजपुर। जोबट की पंचा दरी पूरे देश में मशहूर हैं. ये दरी खूबसूरत होने के साथ-साथ लंबे समय तक चलती है. इसी खासियत की वजह से इसे खासा पसंद किया जाता है. इसी के चलते जिला प्रशासन इसका पेटेंट लेने की तैयारी कर रही है. इसके लिए जिला प्रशासन ने शासन को पत्र भी लिखा है. जिससे इस दरी को जिले के नाम से पहचान मिल सके.
जोबट की पंचा दरी को देश में मिलेगी पहचान, पेटेंट लेने की तैयारी में प्रशासन
जोबट की पंचा दरी को पूरे देश में पहचान दिलाने के लिए जिला प्रशासन इसका पेटेंट लेने की तैयारी कर रही है. इसके लिए प्रशासन ने शासन को पत्र लिखा है.
कई दिनों में बनकर तैयार होती है पंचा दरी
यह दरी पूरी तरह से हाथों से बनाई जाती है जोकि केवल जोबट में बनाई जाती है. स्थानीय भाषा में इसे पंचा दरी के नाम से जाना जाता है. पंचा दरी बनाने वाले मजदूर ये काम सीखकर खुश हैं और करीब 30 सालों से ज्यादा समय से ये काम कर रहे हैं. एक पंजा दरी बनाने में कम से कम 3 से 4 दिन लगते है. वहीं दरी का आकार बड़ा होने पर 20 दिनों से ज्यादा का समय भी लगता है.
40 सालों से चल रहा है दरी बनाने का काम
ये दरी पूरी तरह कॉटन से बनाई जाती है और इसमें रंग भी हाथों से भरा जाता है. लगभग 40 सालों से जोबट में पंचा दरी बनाने का काम चल रहा है. इस दरी का पेटेंट होने के बाद देश-विदेश में इस दरी को पहचान मिलेगी और अलीराजपुर जिले के साथ मध्यप्रदेश का नाम भी रोशन करेगी यह दरी.