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बारिश के चलते किसानों की फसलें हुई बर्बाद, शासन से कर रहे मुआवजे की मांग - किसानों की फसलें बर्बाद

आगर में बारिश के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. इससे किसानों का काफी नुकसान हुआ है. किसान अब शासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार किसानों की फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है.

शासन से कर रहे मुआवजे की मांग

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Published : Sep 20, 2019, 3:34 PM IST

आगर। शुक्रवार से एक बार फिर जिले में बारिश का दौर शुरू हो गया है. जिससे किसानों की परेशानियां और बढ़ गई हैं. खेतों में पानी भर गया है जिससे फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. बर्बाद फसल के चलते साहूकारों से लिया कर्जा चुकाना है जो कि प्रदेश के हर किसान की समस्या है.

क्षेत्र के ज्यादातर किसानों के पास बोवनी के समय पैसे नहीं होते हैं. जिस कारण उन्हें साहूकारों से ब्याज पर रकम लेकर बोवनी करना पड़ता है. किसानों को यही उम्मीद रहती है कि फसल आएगी तो रकम चुका देंगे. लेकिन जब फसलें ही बर्बाद हो गई हैं तो अब उन्हें कर्जा चुकाने की चिंता सता रही है.

बारिश के चलते किसानों की फसलें हुई बर्बाद

लाख रूपये तक का कर्जा अभी तक नहीं हुआ माफ

जिले के ग्राम परसुलियाकलां के किसान चंदरसिंह और कालूसिंह के अनुसार सरकार ने 2 लाख रूपए तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी. लेकिन अभी तक उनका कर्ज ही माफ नहीं हुआ है. किसानों ने कर्जा करके फसल बोई थी जो बारिश की वजह से बर्बाद हो चुकी है. ग्राम मोडी, धारूखेडी, अंतरालिया, माणा, डोंगरगांव, श्रीपतपुरा, पायली, गणेशपुरा, मालनवासा, मैना सहित कई अन्य गांव में भी किसानों की फसले अतिवृष्टि के कारण नष्ट हो चुकी है. खेतों में पानी भर जाने के कारण वे पूरी तरह से गल गई है. इससे किसानों का काफी नुकसान हुआ है. किसान अब प्रशासन से मुआवजे की मांग कर रहे है.

विधायक और एसडीएम के मुताबिक कराया जा रहा है सर्वे

क्षेत्रीय विधायक विक्रमसिंह राणा किसानों की फसलों को हुए नुकसान के सर्वे कराए जाने की बात कर रहे है. विधायक ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में कम नुकसान हुआ है. वहीं सिंचाई वाले भूमि में किसानों की फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है. सर्वे कराए जाने को लेकर सीएम कमलनाथ से भी चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द किसानों को मुआवजा दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं एसडीएम मनीष जैन के अनुसार प्रशासन और पटवारी सर्वे कर रहे है. जिसमें करीब 80 प्रतिशत फसलें नष्ट होने की बात सामने आ रही है. इसके अलावा 1200 से भी अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा है. नियमों के अनुसार व्यापारियों को भी राहत दी जाएगी.

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