आगर मालवा। सुसनेर में प्राकृतिक वातावरण के बीच 700 वर्ष पुराना बड़ा गणपति का एक प्राचीन मंदिर है. जहां निमंत्रण देने के बाद ही किसी मंगल कार्य की शुरूआत होती है. लोग मंदिर पहुंचकर बड़ा गणपति को ही पहला आमंत्रण पत्र चढ़ाते हैं. इसके बाद ही किसी और को दिया जाता है.
700 साल से यहां विराजे हैं बड़ा गणपति, ग्रामीणों की दूर करते हैं हर विघ्न-बाधा
सुसनेर में प्राकृतिक वातावरण के बीच 700 वर्ष पुराना बड़ा गणपति मंदिर स्थित है, जहां हर शुभ कार्य में पहला निमंत्रण बड़ा गणपति को दिया जाता है और कार्य संपन्न होने के बाद चोला ओढ़ाकर उनका श्रंगार किया जाता है.
ऐसी मान्यता है कि शादी-ब्याह या किसी अन्य धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रम के अलावा गृह प्रवेश व अन्य शुभ कार्यों के सफल होने के लिए पहला निमंत्रण बड़ा गणपति को इस आस के साथ दिया जाता है कि कार्य में आने वाली बाधा व विघ्न को विघ्नहर्ता दूर कर देते हैं, इसी विश्वास के साथ इस मंदिर में दूर-दराज से श्रद्धालु आते रहते हैं.
बता दें कि वर्तमान में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुसनेर नगर परिषद छह लाख की लागत से 300 मीटर लंबे सीसी रोड का निर्माण करवा रहा है. मंदिर के पुजारी पंडित कमलेश मदनलाल शर्मा के अनुसार, मंदिर 700 वर्ष पुराना है. जिसमें नगर व आसपास के ग्रामीण किसी भी शुभ कार्य के लिए पहला निमंत्रण बड़े गणपति को देकर उन्हें विघ्नहरण के लिए आंमत्रित करते हैं और शुभ कार्य संपन्न होने के बाद बड़ा गणपति जी को चोला चढ़ाकर आकर्षक श्रंगार करते हैं.