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Published : Mar 13, 2020, 7:21 PM IST

Updated : Mar 13, 2020, 8:36 PM IST

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171 मंदिरों के पुजारियों को नहीं मिला मानदेय, तहसील कार्यालय के काट रहे चक्कर

आगर मालवा में 171 शासकीय मंदिरों के पुजारीयों को डेढ़ साल से मानदेय नहीं मिला है. तहसील कार्यालय के लगातार चक्कर काटने के बाद भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है.

Priests of government temples are not getting honorarium
मंदिरों के पुजारियों को नहीं मिल रहा मानदेय

आगर मालवा। सुसनेर तहसील के शासकीय मंदिरों के पुजारियों को डेढ़ साल से मानदेय नहीं मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब पड़ने लगा है. पुजारी लंबे समय से तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर बार यही जवाब मिलता है कि राशि नहीं आई है.

मंदिरों के पुजारियों को नहीं मिल रहा मानदेय

सुसनेर तहसील में करीब 171 शासकीय मंदिरों के 171 पुजारी हैं. इन्हें कम से कम 1 हजार से लेकर 3 हजार रूपये तक का मानदेय हर साल दिया जाता है. पुजारी संघ के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से शासन के रिकॉर्ड के अनुसार 171 मंदिर के पुजारियों को मानदेय नहीं मिला रहा है, जब से प्रदेश में सरकार बदली है, तभी से ऐसी स्थिति बनी हुई है. अधिकारी कहते है कि अभी सरकार से बजट नहीं आया है, ऐसे में हर बार आश्वासन ही मिलता है.

उनका कहना है कि जो मंदिर भूमिहीन है यानी के जिन मंदिरों के नाम पर शासकीय भूमि दर्ज नहीं है, उनके पुजारियों को अधिकतम 3 हजार रूपये का मानदेय दिया जाता है, जिन मंदिरों के नाम पर 5 बीघा शासकीय भूमि दर्ज हैं उन्हें 2 हजार रुपये दिया जाता है, वहीं 10 बीघा या उससे अधिक भूमि आंवटित है, तो फिर पुजारियों को 1 हजार से 1500 के लगभग मानदेय शासन द्वारा दिया जाता है.

इस पर तहसीलदार ओशीन विक्टर का कहना है कि शासकीय रिकॉर्ड के अनुसार तहसील के 171 शासकीय मंदिरों के पुजारियों को मानदेय दिया जाता है, लेकिन सरकार द्वारा बजट नहीं दिया गया है. यह राशि ग्लोबल फंड से मानदेय की जाती है.

Last Updated : Mar 13, 2020, 8:36 PM IST

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