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यहां बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा जैन मंदिर, 324 मूर्तियां होंगी विराजमान, जानिए खासियत

मध्यप्रदेश के सागर में दुनिया का सबसे बड़ा जैन मंदिर बनने जा रहा है. ये एक चतुर्मुखी जैनालय (Chaturmukhi Temples in sagar) होगा. जिसकी ऊंचाई शिखर सहित 216 फीट होगी. निर्माण में गुजरात के भुज का पीला पत्थर और राजस्थान के बयाना का लाल पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है. मंदिर के 2025 तक बनकर तैयार होने की संभावना है.

highest jain temple in sagar
सागर में सबसे बड़ा जैन मंदिर

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Published : Feb 12, 2022, 1:14 PM IST

सागर।भारत में मंदिर देश की समृद्ध धार्मिक विरासत को दर्शाते हैं. हर मंदिर का (gift of worlds highest jain temple) अपना महत्व और खासियत होती है. बीते कुछ वर्षों में भारत में नए और भव्य मंदिरों का निर्माण हुआ है. प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक मंदिरों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध मध्यप्रदेश में एक और कीर्तिमान बनने जा रहा है. सागर में दुनिया का सबसे बड़ा जैन धर्म का मंदिर बन रहा है. यह एक चतुर्मुखी जैनालय होगा. (jain temple in sagar)

सागर में बन रहा है सबसे बड़ा जैन मंदिर

216 फीट ऊंचा होगा मंदिर
इसकी ऊंचाई शिखर सहित 216 फीट होगी. मंदिर को आकार देने में 250 मजदूर दिन रात लगे हैं. यह मंदिर कई मायनों में बहुत खास है. इसके निर्माण में लाल और पीले पत्थरों का इस्तेमाल हो रहा है. इन पर बेहद खूबसूरत नक्काशी भी की जा रही है. इन्हें तराशने के लिए कलाकारों की पूरी टीम लगी है. कोरोना काल में निर्माण कार्य थोड़ा प्रभावित जरूर हुआ था, लेकिन आने वाले तीन से चार सालों में यह मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. (worlds heighted jain temple sagar)

चारों दिशाओं से एक जैसा लगेगा मंदिर
सागर के खुरई रोड स्थित भाग्योदय तीर्थ परिसर में बन रहे चतुर्मुखी जैन मंदिर की घोषणा 2016 में हुई थी. 2017 में इसका भूमि पूजन हुआ. मंदिर की नींव 21 फीट गहरे गड्ढे पर बनाई गई है, जिसमें चूना और मिट्टी का मिश्रण भरा गया है. इसी नींव के ऊपर मंदिर का पहले खंड बनाने का कार्य चल रहा है. इस खंड का निर्माण कार्य जून-जुलाई तक पूरा होने की संभावना है. यह मंदिर चारों दिशाओं से देखने में एक जैसा लगेगा. जैन समाज का दावा है कि एक एकड़ क्षेत्रफल में फैला यह दुनिया का अब तक का सबसे ऊंचा जैन मंदिर होगा. (jain worship in sagar)

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तीनों खंड में स्थापित होंगी 324 मूर्तियां
मंदिर के तीनों खंड में 324 मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. इसमें हर खंड पर 108 मूर्तियां विराजेंगी. इसके अलावा 45 फीट का गर्भ गृह भी बनाया जाएगा, जिसमें 8 मंडप और सीढ़ियों का निर्माण होगा. मंदिर के चारों तरफ की बाउंड्री पर 240 पत्थर लगाए जाएंगे. वहीं, इन पत्थरों पर जैन धर्म का इतिहास को दिखाया जाएगा. साथ ही जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों का परिचय और आचार्य श्री के संबंध में जानकारी दर्शाई जाएगी. स्तंभों और दीवारों पर जैन धर्म को उकेरा जाएगा. (sculpture in jain temple)

चार बड़े प्रवेश द्वार बनेंगे
मंदिर के पहले खंड की ऊंचाई प्लेटफार्म से 40 फीट है. इसी तरह दो और खंड बनाए जाएंगे. तीन खंडों और शिखर सहित मंदिर की ऊंचाई 216 फीट होगी. मंदिर स्थल के अलावा दो और अन्य स्थानों पर पत्थरों की कटाई का काम चल रहा है. ताकि मंदिर का निर्माण जल्दी हो सके. आचार्य श्री विद्यासागर के सानिध्य में मंदिर का लोकार्पण होगा. दुनिया के इस सबसे बड़े चतुर्मुखी जैन मंदिर में चार बड़े-बड़े प्रवेश द्वार होंगे. जिससे मंदिर में चारों तरफ से प्रवेश किया जा सकता है. 94 फीट ऊंची सीढ़ियां होंगी, जो ऊंचाई की तरफ कम होती जाएंगी. आचार्य श्री विद्या सागर के अनुसार जहां से मंदिर का शिखर नजर आएगा. वहां तक के वास्तु दोष मंदिर के प्रताप के कारण समाप्त हो जाएंगे.

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