सागर।बुंदेलखंड में पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve Wildlife tourism) वाइल्ड लाइफ टूरिज्म का जाना माना डेस्टिनेशन है. यहां प्रदेश की सबसे बड़ी सेंचुरी नौरादेही को भी वाइल्डलाइफ टूरिज्म और नाइट सफारी के तौर पर विकसित किया गया है. सागर, दमोह और नरसिंहपुर तक फैले इस अभ्यारण्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई सुविधाएं विकसित की गई हैं. एक दिसंबर से यहां जंगल सफारी की भी शुरुआत की गई है. पर्यटकों के ठहरने के लिए भी वन विभाग ने अभ्यारण्य में स्थित छेवला तालाब के किनारे में टेंट लगाकर रुकने वाले पर्यटकों के लिए भी इंतजाम किए हैं..
नौरादेही सेंचुरी में बाघ की संख्या बढ़ी नौरादेही सेंचुरी में बाघ की संख्या बढ़ी इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए तीन प्रवेश द्वार
नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों का कुनबा बढ़ने और इको टूरिज्म की संभावनाओं को देखते हुए प्रबंधन द्वारा विशेष प्रयास किए गए है. (nauradehi tourist place) यहां के प्रमुख आकर्षण छेवला तालाब और जग तराई में वन्य प्राणियों को देखने आने वाले पर्यटकों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध की जा रही हैं. एक दिसंबर से सरसैला और बीना वारहा गेट से एंट्री शुरू कर दी गई है. पहले यहां एक ही प्रवेश द्वार था. (Nauradehi sanctuary increases facilities for tourist)
नौरादेही सेंचुरी में बाघ की संख्या बढ़ी बाघ को नजदीक से देख सकेंगे पर्यटक
ये पहला मौका है, जब नौरादेही में जंगल सफारी की शुरुआत की गई है. एक दिसंबर से जंगल सफारी की सुविधा पर्यटकों को मिलने लगी है. बाघ-बाघिन और शावकों का नजदीक से नजारा कर सकते हैं. इसके लिए वाहनों की व्यवस्था की गई है. जंगल सफारी में छेवला तालाब, बरपानी और मोहली इलाके में पर्यटकों को घूमने फिरने की छूट रहेगी. इन इलाकों में तेंदुआ, काले हिरण, चीतल, नीलगाय और मगरमच्छ देखे जा सकते हैं. बाघ के कोर एरिया को छोड़कर टूरिस्ट कहीं भी जा सकेंगे. प्रबंधन द्वारा गाइड की भी व्यवस्था की है.
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पंचवटी परिसर में कैफिटेरिया और कॉटेज का निर्माण
नौरादेही अभयारण्य के डीएफओ सुधांशु यादव ने बताया कि नौरादेही अभ्यारण में बाघों की संख्या बढ़ रही है. इसलिए हम पर्यटन की बुनियादी सुविधाएं विकसित करने पर काम कर रहे हैं. मोहली में पहले से ही पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था है, उसे और सुविधाजनक बनाया जा रहा है. इसके अलावा छेवला तालाब में टेंट लगाए जा रहे हैं. वहीं नरसिंहपुर जिले में अभयारण्य क्षेत्र में आने वाले पंचवटी परिसर में कैफेटेरिया और कॉटेज का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा विभाग कई योजनाओं पर काम कर रहा है.