जबलपुर।गर्मी बढ़ती जा रही है और बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. हीट स्ट्रोक की वजह से मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. गर्मी आते ही सिर दर्द होना, तेज बुखार, उल्टी, चक्कर आना यह सभी हीट स्ट्रोक के सामान्य लक्षण भले ही हों पर इसे हल्के से बिल्कुल ना लें. लू या तेज गर्मी लगने से यह बीमारी शरीर में उत्पन्न होती है और अगर इस पर ध्यान ना दिया जाए तो आने वाले समय में यह मस्तिष्क और किडनी जैसे शरीर महत्वपूर्ण अंगों को हमेशा के लिए प्रभावित कर सकती हैं. इतना ही नहीं इस बीमारी से मौत का खतरा भी बढ़ जाता है. पारा जब 40 डिग्री के ऊपर पहुंच जाए तो हीट स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा होता है.
नर्वस सिस्टम होता है प्रभावित:इस मौसम मेंजिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. खासतौर पर उल्टी दस्त एवं चक्कर आने से पीड़ित मरीजों का तेजी से इजाफा हुआ है. चिकित्सकों की मानें तो हीट स्ट्रोक गर्मी से संबंधित बीमारी है जिसके चलते शरीर का तापमान असमान रुप से बढ़ने लगता है. मरीज को 104 से 105 डिग्री तक बुखार भी हो सकता है. इससे नर्वस सिस्टम प्रभावित होने लगता है. ज्यादा समय तक तेज धूप में रहने से शरीर के तापमान में वृद्धि होने लगती है. यदि तापमान को नियंत्रित ना किया जाए तो यह मस्तिक और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है.
हीटस्ट्रोक से बचाव: जबलपुर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर संदीप भगत का कहना है कि अगर हीट स्ट्रोक से बचना है तो इसका सबसे अच्छा उपाय है कि जब भी घर से बाहर निकलेें तो अपने शरीर को पूरी तरह से ढक के रखें. खासकर सिर, कान, मुंह को बांधकर ही घर से बाहर जाएं. इसके अलावा समय-समय पर पानी भी पीते रहें. ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का ही उपयोग करें. डॉक्टर ने बताया कि बासी खाना भी शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है, और यही बाद में हीट स्ट्रोक का कारण भी बनता है. लू लगने पर ठंडे पानी से नहाएं. गर्मी में बेवजह घर से बाहर निकलने से भी बचना चाहिए.