जबलपुर। निजी जमीन पर मस्जिद निर्माण पर एसडीएम द्वारा लगाई गयी रोक के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सार्वजनिक धार्मिक भवन तथा स्थान विनियमन अधिनियम 1984 के तहत सिर्फ जिला कलेक्टर को रोक लगाने का अधिकार है. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए एसडीएम को निर्देशित किया है कि लंबित प्रकरणों में याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर प्रदान करें.
Jabalpur High court News: बिना अधिकार एसडीएम ने मस्जिद निर्माण पर लगा दी रोक, न्यायालय का निर्देश- याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर प्रदान करें
जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें निजी जमीन पर मस्जिद निर्माण पर एसडीएम द्वारा रोक लगाई गई थी. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सार्वजनिक धार्मिक भवन तथा स्थान विनियमन अधिनियम 1984 के तहत कलेक्टर के पास निर्माण कार्य को रोकने का अधिकार है. याचिका का निराकरण करते हुए एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अमानउल्ला उस्मानी ने पैरवी की.
प्रकरण के संबंध में जिला कलेक्टर के समक्ष रिपोर्ट पेश करें: औलिया अहल-ए-सुन्नत समिति के अध्यक्ष फिरोज खान की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि, सिवनी जिले के केवलारी में निजी जमीन पर मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है. उक्त भूमि का भू अधिकार पत्र कलेक्टर द्वारा उनके पक्ष में विधिवत जारी किया गया था. मस्जिद निर्माण में आपत्ति करते हुए अलग-अलग आपत्तियां एसडीएम के समक्ष पेश की गयी थी. एसडीएम केवलारी ने आपत्तियों पर विचार करते हुए मस्जिद निर्माण पर रोक लगा दी है. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सार्वजनिक धार्मिक भवन तथा स्थान विनियमन अधिनियम 1984 के तहत कलेक्टर के पास निर्माण कार्य को रोकने का अधिकार है. याचिका का निराकरण करते हुए एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अमानउल्ला उस्मानी ने पैरवी की.