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High court News: MPPSC में 27 प्रतिशत आरक्षण पर लगी रोक बरकरार, हाईकोर्ट का आदेश में संशोधन से इनकार, 25 जुलाई को सुनवाई

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पीएससी में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर लगी अंतरिम रोक के आदेश में संशोधन से इंकार कर दिया है.

ban on 27 percent reservation in mppsc
एमपीपीएससी ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार

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Published : Jun 23, 2022, 10:22 PM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू और जस्टिस एके शर्मा की युगलपीठ ने पीएससी में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर लगी अंतरिम रोक के आदेश में संशोधन से इंकार कर दिया है. ओबीसी आरक्षण के संबंध में दायर सभी याचिकाओं की सुनवाई गुरूवार को युगलपीठ द्वारा संयुक्त रूप से की गयी. अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी.

ओबीसी आरक्षण पर दायर की गईं थी 60 से ज्यादा याचिकाएं:याचिकाकर्ता आशिता दुबे सहित अन्य की तरफ से प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के खिलाफ तथा इसके पक्ष में लगभग 60 से अधिक याचिकाएं दायर की गई थीं. हाईकोर्ट ने कई लंबित याचिकाओं पर ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत दिये जाने पर रोक लगा दी थी. सरकार द्वारा स्थगन आदेश वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया गया था. हाईकोर्ट ने 1 सितम्बर 2021 को स्थगन आदेश वापस लेने से इंकार करते हुए संबंधित याचिकाओं की अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किये थे. प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता द्वारा 25 अगस्त 2021 को दिये अभिमत के आधार पर पीजी नीट 2019-20, पीएससी के माध्यम से होने वाली मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति तथा शिक्षक भर्ती छोडकर अन्य विभाग में 27 ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत दिये जाने के आदेश जारी कर दिए हैं. उक्त आदेश के खिलाफ भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी.

इंदिरा साहनी प्रकरण का दिया गया हवाला:आरक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा गया था कि सर्वाेच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने साल 1993 में इंदिरा साहनी तथा साल 2021 में मराठा आरक्षण के मामले में स्पष्ट आदेश दिए हैं कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने पर आरक्षण की सीमा 63 फीसदी पहुंच जाएगी. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से दायर जवाब में कहा गया था कि साल 2011 की जगगणना के अनुसार प्रदेश में ओबीसी वर्ग की संख्या लगभग 51 प्रतिशत है. सुनवाई के दौरान युगलपीठ से आग्रह किया गया था कि पीएससी में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में जारी अंतरिम रोक के आदेश को संशोधित किया जाए. युगलपीठ ने आग्रह को अस्वीकार करते हुए उक्त आदेश जारी किए थे.

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