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World Environment Day 2022: स्वच्छता ही नहीं अब इंदौर से सीखे प्लांट मैनेजमेंट - plant tree management

स्वच्छता ही नहीं अब इंदौर से प्लांट मैनेजमेंट के लिए भी सीख ली जा सकती है. दरअसल, मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत आने वाले मार्ग से सभी पेड़-पौधों को अन्य स्थान पर स्थापित किया जा रहा है. (World Environment Day 2022) जहां पौधे फिर से अंकुरित होकर पेड़ का रूप लेकर लहलहाने के लिए तैयार हैं.

World Environment Day 2022
इंदौर से सीखे प्लांट मैनेजमेंट

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Published : Jun 5, 2022, 7:02 AM IST

इंदौर।देशभर में स्वच्छता के साथ अब इंदौर विकास की राह में रोड़ा बन रहे पेड़-पौधों को भी जीवन दान देने में पीछे नहीं है. दरअसल शहर के पर्यावरण सुधार के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण समेत नगर निगम ने शहर के विभिन्न इलाकों के रोड डिवाइडर में सड़कों के बीचो-बीच जो पौधे लगाए थे, (World Environment Day 2022) वह मेट्रो प्रोजेक्ट कारण स्थाई रूप से ना उजड़ जाएं इसके लिए अब सभी पेड़-पौधों को बारी-बारी से अन्य स्थान पर रोपा जा रहा है. खास बात यह है कि भीषण गर्मी के दौर में भी इन पौधों में से 80 फीसदी पौधे फिर से अंकुरित हो रहे हैं.

इंदौर से सीखे प्लांट मैनेजमेंट

पेड़ों को स्थापित अभियान हुआ शुरू:हाल ही में इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट के निर्माण में खासी तेजी आई है. मेट्रो शहर की अन्य मुख्य सड़कों के बीच से गुजर रही है, जहां इंदौर में रोड डिवाइडर के बीच सैकड़ों की संख्या में पेड़ लगाए गए थे. अब जबकि रोड डिवाइडर के स्थान पर मेट्रो के पिलर तैयार हो रहे हैं तो रोड डिवाइडर के पेड़ हटाए जाने हैं, ऐसी स्थिति में इंदौर विकास प्राधिकरण ने इन पेड़ों को अन्यत्र स्थापित करने का अभियान शुरू किया है. लिहाजा स्कीम नंबर 172, 151 और 169 बी के ग्रीन बेल्ट के स्थान पर इन पेड़ों को फिर से रोपा गया है, इसके बाद इन्हें पानी डालकर बचाने का प्रयास भी किया गया. जिसका नतीजा यह हुआ कि धीरे-धीरे पेड़ों की शाखाओं में अंकुरण होने के बाद पत्तियां एक बार फिर से लहलहाने लगी हैं. इसके अलावा अधिकांश पेड़ ऐसे हैं जो अब हरे भरे दिख रहे हैं.

फिलहाल लगाए गए 750 पौधों में से करीब 600 पेड़ पौधे ऐसे हैं जो फिर से अंकुरित होकर हरे-भरे दिखाई दे रहे हैं, अब जबकि प्राधिकरण अपने इस प्रयोग में सफल होता नजर आ रहा है. कोशिश की जा रही है कि शहर के अन्य क्षेत्रों में भी यदि विकास योजनाओं के कारण पौधों को शिफ्ट करना पड़ा, तो सभी पेड़ पौधों को रिक्त स्थान पर ट्रांसप्लांट किया जाएगा. इसके लिए एक एजेंसी भी अनुबंधित की गई है जो मशीन के जरिए पौधों को उखाड़ कर अन्य स्थानों पर रोपने का काम कर रही है.

-आर पी अहिरवार, सीईओ, इंदौर विकास प्राधिकरण

अन्य योजनाओं के ग्रीन बेल्ट में भी होगा ट्रांसप्लांट:इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर पी अहिरवार के मुताबिक जितने पौधे और पेड़ अन्यत्र ट्रांसप्लांट किए गए हैं, उनके जीवित रहने की दर करीब 80 फीसदी है. इसलिए अन्य पेड़-पौधों को भी बारिश के सीजन में अन्य आवासी योजनाओं के ग्रीन बेल्ट में ट्रांसप्लांट करवाया जाएगा.

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नुकसान की भरपाई के लिए तैयार की जा रही योजना:मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले इंदौर के बीआरटीएस समेत अन्य योजनाओं में जितने पेड़ शिफ्ट किए जा सके, उन्हें इंदौर के देव गुराडिया कचरा प्रबंधन प्लांट पर ग्रीन बेल्ट में लगाया गया था. यह पौधे भी अब वृक्ष बन चुके हैं, इसके अलावा इंदौर के पलासिया चौराहा, गीता भवन और अन्य इलाकों में भी पीपल के जो वृक्ष बीआरटीएस कॉरिडोर के तहत काटे गए थे. उन्हें भी नए सिरे से रोपा गया. जो अब हरे-भरे होकर लहलहा रहे हैं. इसके अलावा यह भी कोशिश की जा रही है कि इंदौर नगर निगम और विकास प्राधिकरण की नर्सरी में जितने पौधे मौजूद हैं, उन पौधों को ग्रीन बेल्ट में रोपकर मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत हरियाली को हो रहे नुकसान की भरपाई की जा सके, इसके लिए अभी से योजना तैयार की जा रही है.

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