इंदौर. कोविड संक्रमण की रफ्तार यूं तो मध्यप्रदेश के दूसरे जिलों में भी तेज हो रही है, लेकिन इस दूसरे दौर में प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है इंदौर ने. इंदौर में यूके स्ट्रेन के अलावा वायरस के नए वेरिएंट के संक्रमण की भी आशंका जताई जा रही है। शहर मेंं कई ऐसे मरीज मिले हैं जो वैक्सीन लगवाने के बाद भी संक्रमित पाए गए हैं. ऐसी स्थिति में इन लोगों के सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजे गए हैं जहां से रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है.
नए वेरिएंट की आशंका
इंदौर में कोरोना संक्रमण को काबू करने की तमाम कोशिशें बेअसर साबित हो रही हैं. बीते कुछ दिनों के संक्रमितों के आंकड़े देखें तो यहां हर रोज 800 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इस सबके बीच इंदौर पर कोरोना के नए वेरिएंट का खतरा मंडरा रहा है। यूके स्ट्रेन के मरीज पाए जाने के बाद अब इंदौर में कोविड के किसी नए रूप की दस्तक दिखाई दे रही है. यहां कुछ ऐसे मरीज भी पाए गए हैं जिन्हें कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं लेकिन, फिर भी वे संक्रमित हैं. डॉक्टरों ने इस स्थिति को देखते हुए शहर में कोरोना के यूके स्ट्रेन के अलावा नए वेरिएंट के संक्रमण की आशंका जताई है.
वैक्सीन के दो डोज लगने के बाद भी संक्रमित
इंदौर में इससे पहले कोरोना के एक और वेरिएंट यूके स्ट्रेन के मरीज भी मिले थे. हालांकि राहत की बात यह रही थी कि कुछ दिन बाद में इन मरीजों की पहली रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में शहर के अलग-अलग इलाकों से आए 100 से ज्यादा मरीजों के सैंपल लिए थे. इन सैंपल में 20 सैंपल ऐसे थे जिन्हें कोरोना की वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के नए म्युटेंट से ज्यादा खतरे की आशंका नहीं है. जिन लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग गए हैं वह संक्रमण की स्थिति में भी ज्यादा गंभीर मरीजों की श्रेणी में नहीं है. हालांकि इस मामले में दिल्ली से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थति साफ हो सकेगी. दिल्ली स्टेट एनसीडीसी लैब से प्राप्त होने वाली जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट इंदौर मेडिकल कॉलेज को मिलने के बाद ही संक्रमण के कारणों साफ हो सकेंगे.
सेंपलिंग बढ़ते ही 800 पार हुई मरीजों की संख्या
इंदौर में सोमवार देर रात जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन के अनुसार शहर में संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है जो 12. 70% हो चुकी है. लिहाजा यहां एक-एक दिन में 700 से 800 मरीज पाए जा रहे हैं. इस स्थिति के चलते शहर के सभी प्रमुख अस्पताल मरीजों से भर गए हैं.फिलहाल इंदौर में 6100 की बेड कैपेसिटी है जिसे 1000 और बढ़ाया जा रहा है.
इंदौर जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण के ताजा हालातों से निपटने के लिए हर संभव कोशिश करता हुआ दिख रहा है। इसी वजह से संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने गंभीर मरीजों को बेड उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था की है अस्पतालों में भर्ती सामान्य मरीजों को 5 दिन में ही डिस्चार्ज करना पड़ रहा है.