इंदौर। कई सालों से अधर में अटके इंदौर के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट (Indore metro rail project ) को आखिरकार अब गति देने की तैयारियां शुरू हो गई है. राज्य शासन के निर्देश पर प्रोजेक्ट के अधिकारी अब इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के निर्माण से लेकर मॉनिटरिंग की पूरी व्यवस्था अपनी निगरानी में करेंगे. इसके लिए (Indore division commissioner) इंदौर संभाग आयुक्त स्तर पर हर 15 दिन में प्रोजेक्ट के विकास कार्यों का रिव्यू भी होगा, साथ ही दावा किया जा रहा है कि मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के तीसरे चरण के बाद 2023 तक इंदौर में मेट्रो रेल दौड़ सकेगी.
अब मेट्रो के काम आएंगी रफ्तार मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के चार टेंडर स्वीकृत
मेट्रो रेल प्रोजेक्ट (Metro Rail project) को लेकर जमीन का अधिग्रहण बिजली की लाइनें और नगर निगम (Indore nagar nigam) के कई निर्माण कार्य बाधा बने हुए थे. प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि अब शासन स्तर पर कंसलटेंट एजेंसी और निर्माण एजेंसी के बीच विवाद का निराकरण किया गया है. जिसके बाद प्रोजेक्ट को तेजी से गति देने की तैयारी की गई है. इस मामले में शुक्रवार को संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के करीब चार टेंडर (Four Tender) स्वीकृत किए जा चुके हैं. 3 से 4 महीने में काम धरातल पर आकर दिखने लगेगा.
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काम जल्द पकड़ सकेगा गति
उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट में इसलिए भी अब गति आने की संभावना है, क्योंकि टेंडर में निर्माण की शर्तें आगामी 2 साल तक निर्धारित है. फिलहाल ग्राउंड वर्क (Ground Work) का काम तेज करने के लिए अन्य विभागों के अधिकारियों को भी विभागीय दायित्व के साथ प्रोजेक्ट से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता से हल करने के निर्देश दिए गए हैं. सुपर कॉरिडोर स्थित डिवाइडर स्टेशन (divider station) के टेंडर और डिपो निर्माण के टेंडर भी हो गए हैं. जिससे कि जल्दी मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का काम गति पकड़ सकेगा.
ऐसा रहेगा प्रोजेक्ट का स्वरूप
मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के एलिवेटेड रूट की लंबाई 24.6 किलोमीटर है. जिसमें कुल 23 स्टेशन हैं, इसके अलावा मेट्रो रेल के अंडर ग्राउंड (Under Ground aliment) एलाइनमेंट की लंबाई 7.48 किलोमीटर है, इसमें भी 6 स्टेशन बनाए जाने हैं. कुल 31.54 किलोमीटर के दायरे में चलने वाली मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए कुल 29 स्टेशन प्वाइंट (29 Station Point) बनाए जाने हैं. फिलहाल प्रोजेक्ट में 5 कॉरिडोर (Five Corridor) है जिन्हें निर्माण एजेंसियों द्वारा जनवरी 2023 तक पूरा करना है.
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दिलीप बिल्डकॉन- कंसलटेंट के बीच विवाद
7,500 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में 1,276 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की वित्तीय मदद से और मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1,955 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं. इसके अलावा अन्य स्रोतों से बाकी राशि की व्यवस्था की गई है. 31.55 किलोमीटर के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के तहत 5.27 किलोमीटर के पहले चरण का काम कि अब तक पूरा नहीं हो सका है. प्रोजेक्ट लेने वाली कंपनी दिलीप बिल्डकॉन (dilip buildcon) और प्रोजेक्ट के कंसलटेंट के बीच गहराते विवाद के कारण, कई सालों से यह प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ है. अब राज्य शासन ने इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर फिर सुध ली है. तो आज अधिकारियों ने बैठक कर प्रोजेक्ट में आने वाली समस्याओं पर चर्चा के बाद प्रोजेक्ट को लगातार गति देने का फैसला किया है.