इंदौर। विजय नगर थाना क्षेत्र के स्वर्ण बाग में मौजूद बिल्डिंग में आगजनी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस घटना में 7 लोगों की मौत हो गई. कई लोग घायल भी हुए हैं. घायलों ने आग लगने के दौरान के हालतों को लेकर जो बताया उसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. (Indore fire incident)
अग्निकांड में 7 लोगों की मौत:आगजनी की घटना में 7 लोगों की मौत हो गई और 5 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मृतकों में ईश्वर सिंह सिसोदिया, उनकी पत्नी नीतू सिसोदिया, आशीष, गौरव, आकांक्षा, देवेंद्र और समीर शामिल हैं. वहीं घायलों में फिरोज, मुनीरा, विशाल, अरशद और सोनाली शामिल हैं, जिनका इलाज निजी हॉस्पिटल में किया जा रहा है. आगजनी की घटना के समय फ्लैट में रहने वाले लोगों को बाहर निकलने की जगह नहीं मिली. बिल्डिंग से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था जहां आग लगी हुई थी.
घायलों ने सुनाई घटना की दास्तां: घायल मुनीरा विजयनगर क्षेत्र के स्वर्ण बाग कॉलोनी के एक फ्लैट में अकेले रहती थी. मुनीरा उस बिल्डिंग में डेढ़ महीने पहले ही शिफ्ट हुई थी, और वहीं पर किसी निजी कंपनी में काम करती हैं. मुनीरा ने घटना वाली रात की दास्तां बयां करते हुए कहा,
मैं अपने फ्लैट में सो रही थी. उसी समय अचानक से तेज आवाजों के साथ फ्लैट में गर्मी बढ़ गई थी. अचानक से तेज आवाज आने की वजह से मैं फ्लैट का गेट खोल कर देखा तो आग लगने की वजह से पूरे फ्लैट में धुंआ भरा हुआ चुका था. मैंने धुएं से बचने के लिए गीला कपड़ा अपने मुंह पर बांध लिया और तकरीबन 7 मिनट तक अपने फ्लैट को बंद करके अंदर बैठी रही. लेकिन इस दौरान मुझे घबराहट होने लगी और इसके बाद मैं अपने फ्लैट की बालकनी में चली गई. इस दौरान आसपास के कुछ लोग जाग चुके थे, जिसके बाद मुझे बॉलकनी में खड़ा देख उन्होंने मदद करते हुए मुझे बाहर निकाला. इस तरह से मेरी जान बची है, अगर मैं थोड़ी देर वहां और फंसी रहती तो मेरी भी मौत हो जाती. ये हादसा काफी भीषण था और बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन बालकनी में आने का फैसलाऔर आसपास के रहने वाले लोगों की तत्काल की गई मदद की वजह से मैं जीवित हूं.