ग्वालियर । पूरे देश भर के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी कोरोना रिटर्न का कहर बढ़ता जा रहा है. ग्वालियर जिले का भी यही हाल है. सरकार ने आज रात 10 बजे से दुकानें भी बंद करवा दी हैं. इस बीच ग्वालियर व्यापार मेला चिंता का कारण बनता जा रहा है. यहां रोज हजारोंं लोग आ रहे हैं. लोग परिवार के साथ मौज मस्ती के बीच कोरोना गाइडलाइन को भूल गए हैं. डर है कि कहीं ग्वालियर मेला कोरोना संक्रमण का नया अड्डा ना बन जाए.
होश में आओ ! क्या कर रहे हो ?
भोपाल और इंदौर के बाद ग्वालियर में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 15 दिनों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार दोगुनी हो गई है. जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क होने का दावा करता है. कलेक्टर साहब कहते हैं कि सख्ती से कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाई जा रही है. लगता है ग्वालियर व्यापार मेले को प्रशासन की आंखें नहीं देख पा रही हैं. तभी तो यहां आने वाले सैकड़ों लोग प्रशासन को नजर नहीं आ रहे. मेले में घूमने आ रहे लोगों के चेहरों पर मास्क भी नजर नहीं आ रहे.
व्यापार मेला ना बन जाए संक्रमण का अड्डा प्लीज...ऐसा मत कीजिए, ये जानलेवा है
जिले में कोरोना संक्रमण से जिला प्रशासन के हाथ पांव तो पहले से ही फूले हुए हैं. अब ग्वालियर व्यापार मेला नई मुसीबत बन सकता है. मेले में हजारों लोग घूमने आ रहे हैं. परिवार के साथ मौज मस्ती कर रहे हैं. अनजाने में ही ये लोग अपनी और दूसरों की जान को खतरे में डाल रहे हैं. बिना मास्क के लोग किसी सोशल डिस्टेंसिंग के घूम रहे हैं. मेले में घूमने आईं एक मोहतरमा ने कहा कि बच्चे हैं, मानते ही नहीं. मास्क हटा देते हैं. अब मेले में आए हैं तो मौज मस्ती होगी ही. यहां वहां देखेंगे, खाएंगे, पिएंगे, मौज करेंगे. ऐसे में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की याद कहां रहती है.
मैडम...आपकी जान अनमोल है, मत कीजिए खिलवाड़
एक और भद्र महिला आइसक्रीम का आनंद लेते हुए बोलीं. मेले में किसी ने भी मास्क नहीं लगाया है. उनसे भी कहिए मास्क लगाने को. बड़े उत्साह के साथ उन्होंने कहा, वैसे भी कोरोना का तोड़ आ ही गया है. टीके लगने लगे हैं, तो डर कैसा. करने दो मौज मस्ती.
सियासत नहीं, लोगों को सावधान कीजिए
कांग्रेस को मौका चाहिए था, सो मिल गया. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने आरोप लगाया, कि जब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनके प्रदेश अध्यक्ष कोरोना के प्रति गंभीर नहीं हैं, तो फिर आम जनता को क्या दोष दें. आरपी सिंह का कहना है कि सरकार बड़े बड़े आयोजन करवा रही है. हजारों लोग एक जगह पर इकट्ठा हो रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग कहीं दिखती नहीं. बिना सावधानी के हो रहा ग्वालियर व्यापार मेला भी बड़ा खतरा बन सकता है.
आप नहीं तो कौन जिम्मेदार ?
जनता के आगे मेला प्रशासन भी बेबस नजर आता है. मेला प्राधिकरण के सचिव निरंजन श्रीवास्तव कहते हैं, लोग मास्क लेकर तो आते हैं लेकिन मुंह पर नहीं लगाते. मास्क को हाथों में घुमाना उन्हें अच्छा लगता है. वैसे हम थर्मल स्क्रीनिंग कर रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में लोगों को समझा रहे हैं. ये बात अलग है कि लोग उनकी बात को गंभीरता से नहीं ले रहे . अगर कल को ग्वालियर व्यापार मेला संक्रमण का अड्डा बन गया, तो मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकेंगे.
किए कराए पर फिर जाएगा पानी !
ग्वालियर व्यापार मेले में यही हालात रहे तो शहर में कोरोना संक्रमण का बड़ा विस्फोट होने की आशंका है. ऐसा हुआ तो अभी तक के सभी इंतजामों और संक्रमण को काबू में रखने की कोशिशों पर पानी फिर सकता है. व्यापार मेला लगभग एक महीने तक लगेगा. वीकेंड्स पर यहां भीड़ काफी ज्यादा हो जाती है. कोरोना के टीके के भरोसे रहने वाले और मास्क नहीं लगाने के लिए बच्चों को ढाल बनाने वालों की कमी नहीं है. मास्क को मौज मस्ती में खलल मानने वाले भी कम नहीं हैं. अगर हालात बिगड़े तो यही लोग प्रशासन को कोसने में भी देर नहीं लगाएंगे.