ग्वालियर। ग्वालियर नगर निगम में मेयर और पार्षदों की जीत का रास्ता रविवार को साफ हो जाएगा कि ग्वालियर का अगला मेयर कौन होगा. सबसे खास बात यह है कि, मध्य प्रदेश की ग्वालियर नगर निगम को सबसे हॉट सीट माना जा रहा है. क्योंकि यहां पर बीजेपी और कांग्रेस की साख दांव पर है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की साख दांव पर लगी है. यही कारण है कि, अबकी बार बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी की तरफ से खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर तमाम बड़े नेता यहां पर डेरा डाले हुए थे.
अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित की गई ग्वालियर सीट: कांग्रेस की तरफ से खुद पूर्व सीएम कमलनाथ की कमान ले ली थी. लेकिन अब यह साफ हो जाएगा कि ग्वालियर की जनता किस पार्टी को मेयर पद का ताज पहनाने वाली है. बता दें कि, ग्वालियर नगर पालिका को 1996 में नगर निगम ग्वालियर का दर्जा हासिल हुआ. 1956 से 1987 तक नगर सरकार का कार्यकाल 1 साल का हुआ करता था. 1995 में चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव किया गया और 5 साल के कार्यकाल के लिए परिषद बनाने के लिए पार्षद और मेयर को जनता द्वारा सीधे चुना गया. नगर निगम परिषद ग्वालियर में अनुसूचित जाति की पहली महापौर थीं, जिन्होंने पूरे 5 साल कार्यकाल संभाला. इसके बाद 1995 में ग्वालियर महापौर की सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी.
ग्वालियर में कौन तोड़ेगा रिकार्ड? : ग्वालियर नगर निगम बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. यही वजह है कि पिछले 56 साल से यहां पर बीजेपी का महापौर विजयी होता है. ग्वालियर नगर निगम पर सिंधिया महल का वर्चस्व माना जाता है. कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया परिवार महापौर प्रत्याशी का चयन करते थे, लेकिन पिछले 56 साल में सिंधिया परिवार कोई भी अपने नजदीकी नेता को महापौर की कुर्सी पर नहीं पहुंचा पाया है. ऐसे में अब सिंधिया परिवार बीजेपी में है और देखना होगा कि क्या अबकी बार भी बीजेपी अपना रिकॉर्ड कायम कर पाएगी या फिर कांग्रेस 56 साल के रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब रहेगी.
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सुमन शर्मा और शोभा सिकरवार के बीच कड़ी टक्कर: ग्वालियर महापौर को लेकर बीजेपी प्रत्याशी सुमन शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सतीश सिकरवार में कड़ा मुकाबला है. शोभा सिकरवार तीन बार से पार्षद हैं, जबकि भाजपा की सुमन करीब दो दशक बाद चुनाव मैदान में उतरी हैं. 2001-02 में वे उपनगर ग्वालियर के वार्ड 10 से पार्षद का चुनाव लड़कर पराजित हुई थीं. सुमन शर्मा पिछले 38 साल से राजनीति में सक्रिय है. इस संगठन में अलग-अलग पदों पर काम कर चुकी है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी दो दशक से राजनीति में हैं.
भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा: भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा की उम्र 60 साल है, साथ ही उनकी शैक्षणिक योग्यता की बात की जाए तो वे एमए पास हैं. चुनावी राजनीति पर प्रकाश डालें तो वे वर्ष 2001-02 में पार्षद का पहली बार चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गई. संगठन में उनके अनुभव की बात की जाए तो वे पूर्व जिला मंत्री, पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, प्रदेश मंत्री महिला मोर्चा रही हैं. साथ ही सामाजिक सक्रियता की बात की जाए तो फिल्म सेंसर बोर्ड की सलाहकार समिति की सदस्य, केआरजी कॉलेज में जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष सहित कई संस्थाओं से जुड़ी रहीं. राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू करने वाली सुमन शर्मा भाजपा में विधायक और महापौर रहे डॉ. धर्मवीर की पुत्रवधू और भाजपा नेता दिवंगत यशवीर शर्मा की पत्नी हैं. पार्टी में मजबूत संगठन का होना एक बड़ी ताकत है. वही आम आदमी में उनकी कम पकड़ कमजोरी का कारण है.
कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सतीश सिकरवार: कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सिकरवार की उम्र 45 साल है, शैक्षणिक योग्यता की बात की जाए तो वे एमए, पीएचडी पास हैं. चुनावी राजनीति पर प्रकाश डाला जाए तो कांग्रेस में टिकट पर पहला चुनाव है. इससे पहले भाजपा में रहीं और 2004 में वार्ड 40 से 2009 में वार्ड 56 और 2014 में वार्ड 45 से पार्षद का चुनाव जीतीं. दो बार एमआईसी सदस्य भी रहीं. राजनीतिक सफर भाजपा से शुरू कर अब कांग्रेस में हैं. तीन बार लगातार पार्षद रहीं शोभा के पति डॉ. सतीश सिकरवार कांग्रेसी विधायक हैं. ससुर गजराज सिंह भी बीजेपी से विधायक रहे, खुद व परिवार की लगातार सक्रियता बड़ी ताकत है. कांग्रेस की आपसी फूट कमजोरी का सबसे बड़ा कारण बन सकती है.
दोनों महापौर प्रत्याशियों में संपत्ति का मुकाबला:
बीजेपी महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा के पास कुल एक करोड़ 89 लाख रुपए की प्रॉपर्टी है. जिसमें 12.70 लाख के गहने और दो लाख केश है.
कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सतीश सिकरवार के पास कोई प्रॉपर्टी नहीं है. 10 लाख रुपए के गहने और 68 हजार केश है.