ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित बागी नेताओं का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. अब सोशल मीडिया पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. ग्वालियर में भाजपा के स्वामी विवेकानंद मंडल के पूर्व उपाध्यक्ष और नगरीय निकाय चुनाव में बागी होकर चुनाव लड़ने वाले अमित सूरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर समर्पण निधि के नाम पर लिए गए 10 हजार रुपए वापस मांगे हैं. हालांकि इस मामले में सांसद का कहना है कि यह राशि व्यक्तिगत नहीं ली गई है, पार्टी फंड में जमा की गई है. वहीं कांग्रेस ने इस पूरे मामले में जमकर चुटकी ली है.
बीजेपी के बागियों ने 10 हजार रुपए वापस करने की उठाई मांग ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि, अनुशासनहीनता के कारण अमित सूरी को पहले भी 6 साल के लिए निष्कासित किया जा चुका है, इसलिए मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं. समर्पण निधि की राशि तो हर कार्यकर्ता जमा करता है. बायोडाटा के लिए व्यक्तिगत रूप से कोई राशि नहीं मांगी गई, यदि मांगी है तो उसका प्रमाण उपलब्ध करा दें. उन्होनें कहा कि, राशि तो पार्टी फंड में जमा की गई है और इसके लिए बाकायदा रसीद भी दी गई है.
अमित सूरी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट: ग्वालियर बीजेपी से निष्कासित होने के बाद अमित सूरी ने सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट में लिखा है कि, जिला अध्यक्ष माखीजानी से कहता हूं कि उन्होंने जिन 24 कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित करने का आज जो आदेश जारी किया है, वह पहले हम सभी कार्यकर्ताओं से जो नगरी निकाय चुनाव के लिए बायोडाटा लेते समय 10-10 हजार रुपए लिए थे, वह हमें पहले वापस करें. उसके बाद यह कार्रवाई करें, हमारा पैसा भी मेहनत की कमाई का है, मेरे द्वारा 10000 भारतीय जनता पार्टी के सह कोषाध्यक्ष के खाते में जमा किए थे.
कांग्रेस नेता आरपी सिंह का कहना है कि, अपने आप को ईमानदारी और संस्कार की पार्टी कहने वाली बीजेपी के नेताओं पर पैसे लेने के आरोप लग रहे हैं, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जब बीजेपी ने कार्यकर्ता को निष्कासित कर दिया है, तो फिर उसकी समर्पण राशि को भी वापस करना चाहिए और ऐसे कार्यकर्ताओं को कोर्ट का सहारा लेकर एफआईआर दर्ज करानी चाहिए.
ग्वालियर में बागी नेताओं पर मेहरबान बीजेपी! अंचल के दिग्गज नेताओं के समर्थक होने की कारण बीजेपी कार्रवाई करने की नहीं जुटा पा रही है हिम्मत