ग्वालियर। जिस उम्र में बच्चे खिलौनों से खेलते हैं या आज के बच्चे टैब-मोबाइल पर गेम्स खेलने में बिजी रहते हैं, उस उम्र में ग्वालियर के भाई-बहन कंदर्प और रित्विका (Ritwika and Kandarp )दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट एवरेस्ट पर पहुंच गए. ये दोनों सबसे कम उम्र के बच्चे हैं, (mountanieers)जो पांच हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर पहुंचे हैं.
baalveer children day special 2021: नन्हें कदमों से Everest फतेह
जिस उम्र में बच्चे ठीक तरह से दौड़ भी नहीं पाते, उस उम्र में ग्वालियर के रहने भाई बहिन रित्विका और कंदर्प ने माउंट एवरेस्ट को नाम दिया. दोनों नन्हें पर्वतारोहियों ने नेपाल की माउंट एवरेस्ट चोटी और काला पत्थर पर फतह हासिल कर विश्व रिकॉर्ड बना दिया. दोनों भाई बहन ने माउंट एवरेस्ट बेस और काला पत्थर पर पहुंचकर विजय घोष के साथ भारतीय ध्वज फहराकर देश के यंगेस्ट माउंटेनियर (Mount Everest )होने का खिताब हासिल किया.(Ritwika and Kandarp reached Everest base camp) विश्व रिकॉर्ड बनाते समय रित्विका की उम्र 8 साल और उसके भाई कंदर्प की उम्र 5 साल थी. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए नेपाल के उपराष्ट्रपति और नेपाल स्थित भारतीय दूतावास की राजदूत ने इन्हें सम्मानित किया. सबसे खास बात यह है कि इन दोनों भाई बहन के कोच उनके पिता ही थे.
youngest mountaineers: रित्विका को बचपन से था पहाड़ नापने का जुनून
छोटी उम्र में रित्विका और कंदर्प ने एडवेंचर स्पोर्ट्स में कदम रख दिया था. (youngest mountaineers of India) दोनों के लिए एडवेंचर स्पोर्ट्स जुनून बन गया. दोनों कोहिनूर की पहचान करने वाले इनके पिता ने इन्हें तैयारी कराना शुरू कर दिया .बच्चों के पिता भी एडवेंचर स्पोर्ट्स के कोच रह चुके हैं. इसलिए बच्चों के हुनर को इन्होंने सही समय पर पहचान लिया. पिता ने रित्विका और कंदर्प का कोच बनकर कड़ी मेहनत करवाई
youngest mountaineers: टफ ट्रेनिंग से हासिल किया मुकाम
पिता भूपेंद्र शर्मा का कहना है कि बचपन में ही वे दोनों को ग्वालियर किले पर ले जाकर ट्रेनिंग देते थे.अपने पिता की मदद से रित्विका ने 2 साल की उम्र में ग्वालियर किले पर Rock Climbing और रैपलिंग की तैयारी करना शुरू कर दिया था.(World record of Ritwika and Kandarp) जब रित्विका 5 साल की हुई, तो पिता उसे लेह लद्दाख में वर्ल्ड मोटरेबल पास ऑफ वर्ड ले गए. जिसकी ऊंचाई 18 हजार 340 फीट है. वहां पर रित्विका की शारीरिक क्षमता का पता लगा और उसके बाद उसके पिता कई बार उसे ऊंची पहाड़ियों पर ले गए.