छिंदवाड़ा। हौसले अगर बुलंद हों तो कठिन से कठिन मंजिल भी आसान हो जाती है. कुछ ऐसा ही किया है छिंदवाड़ा की रहने वाली रेशमा खान ने. उनके पति का 4 साल पहले एक्सीडेंट हो गया था. जिसकी वजह से परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था. बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं था. घर का खर्चा चलाने के लिए रेशमा ने ऑटो चलाना शुरू कर दिया. रेशमा खान बताती हैं कि उनका परिवार अब खुशहाल है, वह दो बच्चों के साथ अच्छा जीवन व्यतीत कर रही हैं.
मेहनत और ईमानदारी से चलता है घर
रेशमा खान ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई और घर ठीक से चल सके इसलिए मैं ऑटो चलाती हूं. हर कदम पर लोगों ने उनका साथ दिया. उन्होंने कभी समाज के ताने और लोगों के कहने की परवाह नहीं की, क्योंकि वह मेहनत करके अपने परिवार को बुलंदियों तक पहुंचाना चाहती हैं.