भोपाल। राजू श्रीवास्तव के यूपी फ्लेवर वाले लहजे की दुनिया दिवानी थी. लेकिन खुद राजू श्रीवास्तव इंदौरियों के उस अंदाज के मुरीद थे कि जिसमें पास्ट यानि भूतकाल के लिए कोई जगह ही नहीं दी जाती. जा रिया है.... , आ रिया है.... अगली चक्कर वां गए थे ना हम. ये वो ठेठ इंदौरी वाक्य थे. जिन्होंने एक शो के प्रमोशन के सिलसिले में इंदौर आए राजू श्रीवास्तव को हंसाया भी और ये सोचने पर भी मजबूर कर दिया था कि देश में केवल स्वच्छता और स्वाद में ही कॉन्ट्रीब्यूशन नहीं है. इंदौरियों का सेंस ऑफ ह्यूमर भी बेजोड़ है. (Standup comedian raju shrivastava laughing at O Bhiyas humour)
खास इंदौरी अंदाज के मुरीद थे राजूः सोफे में भी ह्यूमर तलाश लेने वाले राजू श्रीवास्तव को ये जानकर हैरानी हुई थी कि इंदौरी हर बात वर्तमान काल में ही करते हैं. वो भी प्रजेंट कांटिन्यूअस टेंस में. भूतकाल की तो कोई गुंजाईश ही नहीं है. इंदौरियों की जुबान पर चढ़े वाक्य आ रिया हे...जा रिया हे... वां अगली चक्कर गिया था कि नी. जो आम जिंदगी में मुश्किलों में भी चेहरे पर हंसी ला देता है. राजू श्रीवास्तव को इंदौरियों का ये अंदाज बहुत पसंद आया था. उस समय एक रेडियो पर कॉमेडी शो कर रहे पंकज क्षीरसागर से उनकी लंबी बात हुई थी. इंदौर के ह्यूमर को लेकर और राजू श्रीवास्तव ने इसे लेकर दिलचस्पी भी दिखाई थी. पंकज कहते हैं भारत का जो मिडिल क्लास है. उसकी नब्ज थामें थे राजू श्रीवास्तव. और उनके बीच के स्वस्थ ह्यूमर को वो जगह देते थे. मुझे उम्मीद थी कि एक दिन इंदौरियों का डायलेक्ट भी उनकी कॉमेडी का हिस्सा बनेगा. अफसोस ये हो ना सका. (Bhopal Standup comedian raju shrivastava Death) (Bhopal Raju Shrivastava was a big fan of superstar Amitabh Bachchan)