भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट (Shivraj Cabinet) ने कई अहम फैसले लिए हैं. सरकार का दावा है कि इसमें गुड गवर्नेंस (Good Governance) सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि कोई भी फाइल अब सरकारी अधिकारियों के पास तीन दिन से ज्यादा नहीं रहे. सरकार का मानना है कि इससे काम में तेजी आएगी. इसके अलावा चार हाइवेज़ पर फिर से टोल टैक्स (Toll Tax) वसूला जाएगा. एससी-एसटी, ओबीसी, निशक्तजनों के बैकलॉग पदों को भरने के लिए चल रहे अभियान को एक साल और बढ़ाया जाएगा. इसके अलावा न्यायिक सेवा में चयनितों से 5 लाख रुपए का बॉन्ड भरवाने का भी फैसला लिया गया.
Cabinet decisions: एथेनॉल पॉलिसी को मंजूरी
कैबिनेट ने एथेनॉल पॉलिसी (Ethanol Policy) को मंजूरी दे दी है. इस पॉलिसी के तहत प्लांट और मशीनरी में किए पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक उत्पादन इकाइयों को एथेनॉल बनाने पर डेढ़ रूपए प्रति लीटर की वित्तीय सहायत सरकार देगी. ये छूट उत्पादन की तारीख से 7 सालों तक दी जाएगी. साथ ही स्टांप और पंजीयन शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी. वाणिज्यिक उत्पादन शुरु करने की तारीख से 5 साल के लिए विद्युत शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दी जायेगी. इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर सहित और भी कई तरह की छूट का प्रावधान किया गयाहै. इस नीति (Ethanol Policy) के क्रियान्वयन के लिए MPIDC( एमपीआईडीसी), भोपाल नोडल एजेंसी होगी.
Cabinet decisions: नौकरी छोड़ी तो देना होगा 3 महीने का वेतन
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2017 में संशोधन किया गया है. अब पदभार ग्रहण करने के बाद कम से कम तीन साल तक सेवा देना अनिवार्य होगा. किसी भी कारण से सेवाएं नहीं देने पर विभिन्न भत्तों सहित तीन महीने का वेतन देना होगा. इसके लिए नियुक्ति के समय 5 लाख रुपए का बॉन्ड (Bond of Rs 5 lac.) भरवाया जाएगा. केन्द्र सरकार या राज्य सरकार से अनुमति लेकर त्यागपत्र दिया जाता है तो बॉन्ड की रकम का भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी.