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Minister On Uniform 2 महीने बाद भी स्कूली बच्चों को नहीं मिली ड्रेस, मंत्री ने स्व सहायता ग्रुप को बताया जिम्मेदार

स्कूल खुलने के 2 महीने बाद भी सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाली यूनिफॉर्म अभी तक उनके पास नहीं पहुंची है. जिसके चलते सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को बाहर से यूनिफॉर्म खरीदनी पड़ रही है. छात्र छात्राओं को सरकार की ओर से दो यूनिफॉर्म खरीदने के लिए पैसे दिए जाते हैं, लेकिन ना तो यूनिफॉर्म बच्चों को मिली और ना ही इसके पैसे.Minister On Uniform,school students Uniform, SCHOOL DRESS

Minister On Uniform
एमपी स्कूल ड्रेस

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Published : Sep 5, 2022, 10:50 PM IST

Updated : Sep 5, 2022, 11:04 PM IST

भोपाल।प्रदेश में स्कूल खुले 2 महीने बीतने के बाद भी बच्चों को ना तो सरकारी यूनिफॉर्म में मिल पाई है और ना ही यूनिफॉर्म लेने के लिए पैसे. इस बारे में जब स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सवाल पूछा गया तो वे स्व सहायता समूह पर इसका ठीकरा फोड़ते नजर आए. उनका कहना था कि इसके लिए जिम्मेदार स्व सहायता समूह है जो यूनीफॉर्म में देने में देरी कर रहे हैं.

बाहर से खरीदना पड़ रही है स्कूल ड्रेस:स्कूल खुलने के 2 महीने बाद भी सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाली यूनिफॉर्म अभी तक उनके पास नहीं पहुंची है. जिसके चलते सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को बाहर से यूनिफॉर्म खरीदनी पड़ रही है. छात्र छात्राओं को सरकार की ओर से दो यूनिफॉर्म खरीदने के लिए पैसे दिए जाते हैं, लेकिन ना तो यूनिफॉर्म बच्चों को मिली और ना ही इसके पैसे. मध्यप्रदेश में मिडिल और प्राइमरी में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 80,000 से अधिक है. ऐसे में इन बच्चों की यूनिफॉर्म ऊपर 48 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे,लेकिन इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने विभाग की नाकामी छुपाते हुए ड्रेस सप्लाई करने वाले स्व सहायता समूह पर इसका ठीकरा फोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग नहीं बल्कि स्व सहायता समूह की सप्लाई में हो रही देरी के कारण बच्चों को यूनिफार्म नहीं मिल पा रही है.

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दो अलग अलग विभागों के बीच फंसा मामला:मध्य प्रदेश मेंस्व सहायता समूह पंचायत विभाग के अंतर्गत आते हैं, जिसके मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया हैं. स्कूल शिक्षा विभाग मंत्री इंदर सिंह परमार हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार के 2 विभागों में आपसी सामंजस्य नहीं होने के चलते यह मामला अटका हुआ है. इस पूरे मामले में पंचायत विभाग का कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहा है. ईटीवी भारत ने जब मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया से बात करने की कोशिश की तो उनका फोन बंद आ रहा था.

यूनिफॉर्म की राशि पर भी सवालिया निशान: 2017 तक बच्चों के खाते में 2 जोड़ी यूनिफार्म के लिए ₹400 दिए जाते थे. 2018 में यह राशि बढ़ाकर ₹600 कर दी गई. इसके कुछ समय बाद बच्चों को पैसे की जगह यूनिफॉर्म में देने का निर्णय लिया गया था. 2019 और 20 में स्व सहायता समूह के माध्यम से यूनिफॉर्म तैयार कराई गई थीं. ये भी छोटी बड़ी निकली. जिसके बाद एक बार फिर से बच्चों के खाते में ₹600 देने की बात कही जा रही थी, लेकिन कोविड के समय में यूनिफॉर्म बच्चों तक नहीं पहुंच पाई. ऐसे में इस बार स्कूल खुलने पर यूनिफॉर्म दी जानी थी, लेकिन उसमें भी 2 माह से अधिक का समय बीत चुका है.

Last Updated : Sep 5, 2022, 11:04 PM IST

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