भोपाल। राजधानी के हाईप्रोफाइल प्यारे मियां केस में एक और नया मोड़ सामने आया है, प्यारे मियां पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली तीन नाबालिग बच्चियों की देर रात तबीयत बिगड़ गई है. इससे पहले बुधवार को एक नाबालिग की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
नाबालिग बच्चियों की अचानक बिगड़ी तबीयत - अचानक तीन नाबालिग बच्चियों की बिगड़ी तबीयत
प्यारे मियां पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली अब तीन और नाबालिग बच्चियों की तबीयत बिगड़ गई है, जिसमें से दो को जेपी अस्पताल तो एक को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बता दें कि इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आला अधिकारियों को पूर्व में फटकार लगाते हुए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए थे, लेकिन इस तरह से तबीयत खराब होने से कई सवाल खड़े हो गए हैं, इससे पहले भी शनिवार को एक नाबालिग की तबीयत बिगड़ने पर जेपी अस्पताल लाया गया था.
SIT की जांच के दौरान बीमार मिलीं नाबालिग बच्चियां - SIT की जांच के दौरान बीमार मिलीं नाबालिग बच्चियां
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद मुख्यालय से एक एसआईटी गठित की गई थी, जिसकी अध्यक्ष आईजी महिला अपराध सेल से दीपिका सूर्य के नेतृत्व में नाबालिगों से पूछताछ करेगी और पूर्व में किस तरह नाबालिक की मौत संदिग्ध स्थिति में हुई है, इस विषय पर जानकारी लेगी, वहीं जब पूछताछ करने के लिए रविवार को एसआईटी की टीम पहुंची, तो सभी नाबालिक की तबीयत खराब होने लगी है, उसी दौरान किसी को उल्टी, किसी के पेट में दर्द तो किसी को तनाव हो गया, जिसको देखते हुए तुरंत एंबुलेंस बुलाई गई और हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया और जेपी अस्पताल में भी दो को भर्ती कराया गया.जहां सभी का इलाज जारी है.
- परिजनों का आरोप तनाव में हैं बेटियां
नाबालिक बच्चियों के परिजनों का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है, ना ही उनसे मिलने दिया जा रहा है. परिजनों का कहना है कि बच्चियां तनाव में हैं. ऐसे में उन्हे परिजनों को सौंप दिया जाए. ताकि अच्छे डॉक्टर को दिखाकर उनका इलाज करा सकें. परिजनों का आरोप है कि एक नाबालिग को सही इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई. बच्चियों से दिन रात पूछताछ की जाती है, और वो दिन भर कोती रहती है, ऐसे में उनकी तबीयत बिगड़ रही है, अगर बच्चियां उनके परिजनों के पास होंगी तो वो तनाव मुक्त रहेंगी, और उनका इलाज भी हो सकेगा.
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- बालिका संरक्षण गृह पर परिजनों ने उठाए सवाल
नेहरू नगर स्थित बालिका संरक्षण गृह में अब प्रश्नचिन्ह खड़े होने लगे हैं कि एक नाबालिग की मौत और लगातार नाबालिग बच्चियों की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें आखिरकार भोजन में क्या दिया जा रहा है, उन्हें कौन सी दवाइयां दी जा रही हैं, जिसके चलते कि इस तरह की उनकी तबीयत अचानक बिगड़ रही है और उन्हें क्या समस्या है, जिसका वे निदान नहीं कर पा रहे हैं, वहीं अन्य कई तरह के प्रश्न जांच से संबंधी भी खड़े हो रहे हैं.
क्या है प्यारे मियां केस ? - क्या है प्यारे मियां केस ?
प्यारे मियां के खिलाफ 12 जुलाई 2020 को दुष्कर्म को लेकर केस दर्ज कराया था, जिसमें नाबालिग ने आरोप लगाया था कि प्यारे मियां ने उसके साथ तीन साल से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए हैं. वहीं प्यारे मियां पहले उसे छह महीने तक अपने कोहेफिजा स्थित फ्लेट में रखा था और ढाई साल वह उसे इंदौर स्थित लाजपत राय रोड पर मकान में रखा, जहां प्यारे मियां के साथ उसके करीबी रिश्तेदार औवेज ने भी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और जबरदस्ती की, जिसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर किया था और मामले की जांच में जुट गई थी. पुलिस ने प्यारे मियां के कोहेफिजा स्थित फ्लेट पर पहुंची तो दीवार पर संदिग्ध स्थिति में लड़कियों के फोटो चस्पा किए थे. वहां से भी पुलिस ने कई तरह की संदिग्ध चीजें बरामद की थी.
उस समय पुलिस ने एसआईटी भी गठित कर थी. पुलिस ने कहा था कि यह मामला बहुत गंभीर है, जिसे देखते हुए एसआईटी गठित की गई है. इस एसआईटी का निर्देशन एसपी साउथ साईं कृष्णा छोटा कर रहे थे, जिनके साथ लगभग नौ टीम आला अधिकारियों की लगी थी. जिसमें एडिशनल एसपी रजत सकलेचा, डीएसपी हिमाली सोनी, सीएसपी उमेश तिवारी, टीआई शाहपुरा, टीआई महिला थाना, टीआई टीटी नगर, टीआई रातीबड़, टीआई कोहेफिजा और थाना प्रभारी श्यामला हिल्स को नियुक्त किया गया था.
- प्यारे मियां पर 30 हजार का इनाम था घोषित
मामला बढ़ता देख पुलिस ने प्यारे मियां की खोज उसके ऊपर पहले 10 हजार रुपये की इनामी राशि घोषित की थी. बाद में पुलिस ने इस राशि को बढ़ाकर 30 हजार कर दिया था. कड़ी मशक्कत के बाद आरोपित को पुलिस ने श्रीनगर से गिरफ्तार कर 17 जुलाई को भोपाल लाई थी. पूछताछ में पता चला कि प्यारे मियां ने कोहेफिजा क्षेत्र में भी एक किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद प्यारे मियां मामले में आए दिन कई खुलासे होने लगे.
- प्यारे मियां एक साथ 5-5 नाबालिग के साथ करता था यौन शोषण
प्यारे मियां एक साथ 5-5 नाबालिग के साथ यौन शोषण करता था. इस घिनौने काम के लिए वह घर में काम करने वाली लड़कियों और उनके परिवार को पैसा देकर खरीदता था और फिर बच्चियों का यौन शोषण करता था. यह बच्चियां 14 से 17 साल की होती थीं. जैसे ही बच्चियां 18 साल की होती थी प्यारे उनकी शादी तक करवा देता था और इस शादी का खर्च भी वह खुद उठाता था. इस खर्च के बदले वह एक नई लड़की की भी डिमांड करता था. वहीं प्यारे मियां नाबालिग लड़कियों को लेकर थाईलैंड, सिंगापुर, दुबई और बैंकॉक लेकर भी जाता था. इस मामले में एक नाबालिग ने बताया था कि उसकी बड़ी बहन की शादी कराने के लिए छोटी बहन को साथ रखने की शर्त प्यारे मियां ने परिवार के सामने रखी थी. तंगहाली के चलते परिवार को यह सौदा करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हैरानी बात तो यह है कि आरोपी प्यारे मियां लड़कियों से खुद को अब्बू कहलवाता था.
- चपरासी से कैसी बनीं करोड़ों की संपत्ति?
बताया जाता है कि प्यारे मियां कभी भोपाल की एक प्रिंटिंग प्रेस में चपरासी हुआ करता था. इसके बाद ऑपरेटर बना, फिर हॉकर और फिर कुछ रसूखदारों की मदद से उसने खुद का अखबार निकालना शुरू कर दिया और इस तरह वह खुद भी एक पत्रकार बन गया, लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि कभी 400 रुपये महीने की नौकरी करने वाले प्यारे मियां ने आखिकार देखते ही देखते राजधानी भोपाल में करोड़ों की संपत्ति कैसे बना ली थी.
- राजनीतिक पार्टियों से थे रिश्ते
कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं के साथ प्यारे मियां की तस्वीरें सामने आई थी. पुलिस ने इस केस में प्यारे मियां की पीए स्वीटी विश्वकर्मा, उसके ड्राइवर अनस, मैनेजर ओवैस और लड़कियां अरेंज करने वाली एक महिला रूबिया को भी आरोपी बनाया था.
बता दें कि जुलाई महीने से पांच फरियादी बालिका गृह में रह रही हैं. उनमें से एक नाबालिग ने चार दिन पहले नींद की गोलियां खा ली थी, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी और हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. नाबालिग की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर उसके परिजन भी अस्पताल पहुंचे, उन्होंने बाल गृह पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. नाबालिग की मां का कहना है कि अगर उनकी बेटी ने कोई नशीला पदार्थ खाया था तो ये आया कहां से? बाल गृह में बाहर से आखिर नींद की गोलियां कैसे पहुंची, जबकि ये सामान्य लोगों तक को मेडिकल शॉप्स पर आसानी से उपलब्ध नहीं. बच्ची को जहां एक चॉकलेट तक नहीं दी जा सकती थी. वहां इस तरह की लापरवाही कैसे हुई ?