भोपाल। बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल ने अभी तक कांग्रेस नेताओं की 22 शिकायत निर्वाचन आयोग से की हैं, लेकिन एक भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस को लेकर बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य निर्वाचन आयोग से मुलाकात कर कार्रवाई करने की मांग की है. उपचुनाव के प्रचार के दौरान कहीं आचार संहिता का उल्लंघन (Code of Conduct violation) तो कहीं कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन लगातार नेताओं द्वारा किया जा रहा है.
निर्वाचन आयोग में 22 शिकायत, नहीं हुई एक पर भी कोई कार्रवाई बीजेपी कर चुकी है अब तक 22 शिकायतें
भारतीय जनता पार्टी ने 19 सितंबर से अब तक मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेताओं पदाधिकारियों के खिलाफ करीब 22 शिकायतें निर्वाचन आयोग से कर चुकी है. प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी के मुताबिक अब तक 19 सितंबर से करीब 22 शिकायतें चुनाव में की गई हैं, लेकिन अभी तक किसी भी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसको लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Chief Election Officer) से मुलाकात की है. जिसमें खासतौर से कमलनाथ द्वारा प्रदेश सरकार में मंत्री इमरती देवी को लेकर आइटम कहने का मामला हो या पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा विधायकों के रेट कार्ड जारी करने का मामला और कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया जो वर्तमान में पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी हैं, इसके साथ ही अन्य नेताओं की शिकायत निर्वाचन आयोग से की है. लेकिन अब तक किसी भी मामले में कोई कार्रावाई नहीं हुई है, इसलिए निर्वाचन पदाधिकारी से मिलकर मांग की है कि जल्द ही इन शिकायतों का निराकरण किया जाए.
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सभाओं और रैलियों के लिए मिले अनुमति
इसके साथ ही बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात कर 28 विधानसभा क्षेत्रों में कुछ स्थानों को चिंन्हित कर उन स्थानों पर अनुमति देने का आग्रह किया है. बीजेपी ने कुछ ऐसे स्थान चिन्हित किए हैं. जहां पर वह रैलियां और सभाएं करना चाहते हैं. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मांग की है कि यदि डीएम ऐसी स्थानों पर अनुमति देते हैं, तो चुनाव आयोग को भी उन स्थानों पर सभाएं और अली करने की अनुमति देना चाहिए. ताकि वहां विधिवत कोरोना संक्रमण से बचते हुए, चुनाव आयोग के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभाएं और रैली की जा सकें.
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीएम की सभाएं रद्द
हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कोरोना काल में राजनीतिक सभाओं के आयोजन पर रोक लगाने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभाएं रद्द हो गई हैं. हाईकोर्ट के इस फैसले को सीएम शिवराज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा है कि, 'मैं इस फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन इस फैसले के संबंध में हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय जा रहे हैं. एक असमंजस की स्थिति बन गई है, मध्यप्रदेश के एक हिस्से में सभाएं हो सकती हैं और दूसरे हिस्से में नहीं हो सकती. मुझे पूरा विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय में हमें न्याय मिलेगा'.
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चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी है कांग्रेस नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करना शुरू कर दिया था और अभी तक भारतीय जनता पार्टी करीब 22 शिकायतें कांग्रेस नेताओं पदाधिकारियों की कर चुकी है. यही नहीं कांग्रेस नेता भी भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत कर चुके हैं. अब देखना यह होगा चुनाव आयोग इन शिकायतों पर क्या संज्ञान लेता है.