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MP उपचुनाव में बोया गया जातिवाद का नया बीज, चुनाव को ब्राह्मण बनाम ठाकुर बनाने की कोशिश

एमपी की राजनीति खुले तौर पर जातिवाद से दूर रही है लेकिन, इस उपचुनाव में नेता ही जातिवाद से ग्रसित नजर आए और पृथ्वीपुर में जातिवाद का नया बीज बो दिया और खुले तौर पर जातिवाद नजर आया. भाजपा पर चुनाव प्रचार में भी जातिवाद को लेकर उठ रहे सवाल का कोई भी जवाब देने को तैयार नहीं है. समाजवादी नेता यश भारतीय का कहना है कि पृथ्वीपुर के चुनाव को नेताओं ने ही जातिवाद से जोड़ा है. यहां हमेशा से चुनाव ब्राह्मण बनाम ठाकुर बनाने की कोशिश होती रही है.

New seed of casteism sown in MP by-election
MP उपचुनाव में बोया गया जातिवाद का नया बीज

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Published : Oct 28, 2021, 3:21 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति खुले तौर पर जातिवाद से दूर रही है. इस बार के विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव में नेता ही जातिवाद से ग्रसित नजर आए और पृथ्वीपुर में जातिवाद का नया बीज बो दिया. एमपी में अब तक राजनीतिक दल अपने को इस जातिवाद से दूर रखे रहे थे लेकिन पृथ्वीपुर विधानसभा में हो रहे उप-चुनाव में इस बार खुले तौर पर जातिवाद नजर आया और इस जातिवाद के पैरोकार कोई और नही, खुद राजनीतिक दलों के नेता ही बने.

भाजपा के कई नेता रहे प्रचार से दूर

पृथ्वीपुर विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा की ओर से प्रचार करने वाले नेताओं पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि यहां चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, शिवराज सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग व भूपेंद्र सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि, प्रचार के मामले में इस इलाके में राज्य की सियासत में अहम दखल रखने वाले क्षत्रिय नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया, गोविंद सिंह राजपूत और बृजेंद्र प्रताप सिंह इस क्षेत्र में प्रचार करने ही नहीं पहुंचे. भाजपा की ओर से क्षत्रिय नेताओं के प्रचार करने न पहुंचने की चर्चा हर तरफ जोरों पर है और कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से क्षत्रिय वर्ग से नाता रखने वाले नितेंद्र सिंह राठौर चुनाव मैदान में थे, इसलिए कोई क्षत्रिय नेता प्रचार करने नहीं पहुंचा.

सपा का आरोप, चुनाव को ब्राह्मण बनाम ठाकुर बनाने की कोशिश

भाजपा पर चुनाव प्रचार में भी जातिवाद को लेकर उठ रहे सवाल का कोई भी जवाब देने को तैयार नहीं है. मीडिया विभाग के सह संयोजक नरेंद्र शिवाजी पटेल से जब नेताओं के प्रचार को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि जिस नेता की जहां उपयोगिता होती है, उसके पास समय उपलब्ध होता है, वहां संबंधित नेता प्रचार के लिए जाते हैं. समाजवादी नेता यश भारतीय का कहना है कि पृथ्वीपुर के चुनाव को नेताओं ने ही जातिवाद से जोड़ा है. यहां हमेशा से चुनाव ब्राह्मण बनाम ठाकुर बनाने की कोशिश होती रही है. इस बार भाजपा ने ब्राह्मण को उम्मीदवार नहीं बनाया तो इसे ब्राह्मण वर्ग का अपमान बताने की नेताओं ने कोशिश की. दूसरी ओर क्षत्रिय समाज के नेता कांग्रेस उम्मीदवार को लेकर इस चुनाव को क्षत्रियों के मान सम्मान से जोड़ रहे हैं, और ऐसा ही कुछ प्रचार के दौरान भी नजर आया.

उन्होंने कहा, भाजपा - काँग्रेस दोनो दल जमकर पृथ्वीपुर और बुंदेलखंड में जातीय वैमनस्यता फैलाने में पीछे नहीं रहे. भाजपा के नेता अंदरूनी रूप से काँग्रेस को लाभ दे रहे है तो कांग्रेस के नेता भाजपा को. भाजपा के चुनाव प्रचार में अरविंद भदौरिया बीमार होकर पल्ला झाड़ गए तो, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रचार करने नही गए. वहीं भाजपा के लोग क्षेत्र के ब्राह्मण समाज के दावेदार को टिकट न दिए जाने को ब्राह्मण समाज की प्रतिष्ठा और सम्मान से जोड़कर भाजपा के खिलाफ ही काम कर रहे हैं.

इनपुट - आईएएनएस

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