भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2018 में हुए विधानसभा के चुनाव में भले ही कांग्रेस के हाथों शिकस्त खाई हो, मगर उसके बाद पार्टी में अपनी स्थिति को लगातार संभाला है और हाल ही में हुए शहर सरकार के चुनाव में 80 फीसदी से ज्यादा स्थानों पर अपना कब्जा जमा लिया है. राज्य में नगरीय निकाय के चुनाव दलीय आधार पर हुए हैं और इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही ने पूरा जोर लगाया. नगरीय निकाय के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वर्तमान में जो नतीजे सामने आए हैं वे इस बात का संकेत देते हैं कि नगर निगम, नगर पालिका और परिषद के चुनावों में भाजपा ने 82 फीसदी से ज्यादा स्थानों पर जीत दर्ज की है.
महापौर के चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा:नगर निगम के महापौर के चुनाव में भाजपा का अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं रहा क्योंकि 16 में से नौ स्थानों पर ही भाजपा जीत दर्ज कर पाई थी और पांच स्थान पर कांग्रेस व एक-एक स्थान पर आप व निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.
नगर निगम के 16 अध्यक्षों में से भाजपा ने 14 स्थानों पर जीत हासिल की:नगर निगम के महापौर चुनाव में अपेक्षा के अनुरूप सफलता न मिलने के बाद भाजपा अध्यक्षों के चुनाव के लिए ज्यादा सतर्क रही और उसका नतीजा सामने है. नगर निगम के 16 अध्यक्षों में से भाजपा ने 14 स्थानों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस दो स्थान पर ही अपने अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो पाई.
76 नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव हुए इनमें से 59 में भाजपा का कब्जा:राज्य की नगर पालिकाओं पर गौर करें तो एक बात साफ तौर पर सामने आती है कि 76 नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव हुए इनमें से 59 में भाजपा को सफलता मिली है, तो दूसरी ओर कांग्रेस 16 व निर्दलीय एक स्थान पर अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुआ है. इसके अलावा 255 नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने बड़ी सफलता हासिल की है और इसमें 212 अध्यक्ष भाजपा के बने हैं. वहीं, कांग्रेस 30 स्थानों पर जीत हासिल कर पाई है, तो निर्दलीय छह स्थानों पर ही जीते हैं.
निगम नगर पालिका और नगर परिषद के परिणाम:इस तरह नगर निगम नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्षों के निर्वाचन पर गौर किया जाए तो भाजपा ने कुल 285, तो कांग्रेस ने 55 और निर्दलीय सात स्थान पर जीत हासिल कर पाए हैं. इन नतीजों को हिस्सेदारी के तौर पर देखें तो भाजपा 82 फीसदी से ज्यादा स्थानों पर और कांग्रेस लगभग 16 और निर्दलीय दो फीसदी स्थानों पर कब्जा करने में कामयाब हुए.
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महापौर के उम्मीदवारों के चयन में भाजपा में थी गुटबाजी:राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महापौर के उम्मीदवारों के चयन में भाजपा के अंदर खाने गुटबाजी थी और कई नेताओं ने उम्मीदवारों को जिताने की गारंटी ली थी, तो दूसरी ओर जमीनी राय को दरकिनार किया गया था. जहां संगठन को किनारे किया वहां पार्टी को हार मिली, परिणामस्वरूप भाजपा के हिस्से में सात स्थानों पर हार आई. वहीं, अध्यक्षों के चुनाव में भाजपा ने गंभीरता बरती और सारा जोर लगाया, परिणाम उसके पास है. इसके साथ यह भी मानना होगा कि भाजपा सरकार के प्रति जनता में नाराजगी भी है. (MP Local Bodies Elections 2022)(BJP captures more than 80 percent local bodies in cities ) (MP Urban bodies elections)