भोपाल। जिन मुद्दों को हवा देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत की थी, और भाजपा ने कमलनाथ सरकार को घेरा था, अब उन्हीं मुद्दों को लेकर कांग्रेस शिवराज सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. दरअसल, कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरी थी, उसके पहले प्रदेश के अतिथि शिक्षकों और अतिथि विद्वान कांग्रेस से अपना वचन निभाने की मांग कर रहे थे. विपक्ष में बैठे बीजेपी के नेता आंदोलन को हवा दे रहे थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तो अतिथि शिक्षकों के मामले में सड़क पर उतरने की बात कही थी. इसी वजह से कमलनाथ और उनके बीच में तल्खी बढ़ गई थी. आखिरकार कमलनाथ सरकार गिर गई और अब बीजेपी की सुरक्षित सरकार प्रदेश में हैं. कांग्रेस का दावा है कि अतिथि शिक्षक और अतिथि विद्वान के मामले में कांग्रेस सरकार ने लगभग प्रक्रिया पूरी कर ली थी और उनके आदेश निकालने वाले थे, लेकिन सरकार गिर गई. अब कांग्रेस सरकार पर सड़क से लेकर सदन तक दबाव बनाने की तैयारी कर रही है, और इन मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने आंदोलन का मन बना रही है.
36 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शिवराज सरकार ने अटकाई
पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है, ''हमारी सरकार के समय 36 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो गई थी, आज तक उनके आमंत्रण लंबित हैं. यह भी हमारे मध्य प्रदेश के लोग हैं, उनका इंतजार और उनकी तपस्या इतनी दूरी पर चली गई है, कि कई परिवार के लोग अवसाद और निराशा में जा रहे हैं. हमसे लोग मिलने आ रहे हैं. में शिवराज सिंह से अनुरोध करता हूं कि अतिथि शिक्षक मामले में निर्णय लेना चाहिए. यह उपचुनाव और सरकार गिराने का मुद्दा भी था. इसलिए शिवराज सरकार जितनी जल्दी हो अतिथि शिक्षकों के साथ न्याय करें. कांग्रेस पार्टी सकारात्मक रूप से उनसे आग्रह करती है.''