भोपाल। भाजपा में संगठन में कसावट के लिए बुलाई गई दो दिन की मेगा बैठकों में कई निर्णय लिए गए हैं. भाजपा प्रदेश संगठन ने जिला स्तर पर संगठनात्मक गतिविधियों में कसावट लाने के लिए जिलों की कोर कमेटियों की बैठकों में ये निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा बैठकों में मौजूद रहे.
जिला अध्यक्षों से लिया गया फीडबैक :जिलावार हो रही बैठकों में सबसे पहले सात से आठ बिन्दुओं पर जिला अध्यक्ष से रिपोर्ट ली गई. इसके बाद जिला कोर कमेटी के सदस्यों से सुझाव लेने का काम भी किया गया. इस पूरे मंथन में जो बात सामने आ रही है, उसमें पार्टी के शीर्ष नेताओं का साफ कहना है कि उन्हें आगामी चुनाव में जीत चाहिए. इसके लिए जो संसाधन आपको चाहिए, वह हमें बताएं. मैदानी मेहनत और जमावट की जिम्मेदारी आपकी है, लेकिन दिखावा नहीं होना चाहिए. जिन सीटों पर भाजपा 2018 में चुनाव हारी थी, वहां के ताजा हालातों के बारे में संगठन ने राय ली.
प्रतिनिधियों के साथ समन्वय में कमी पर नाराजगी :संगठन पदाधिकारियों ने 2 दिन की बैठकों में इस बात पर नाराजगी जताई कि कुछ जिलों में अब तक कोर कमेटी की बैठक नहीं हुई है. वहीं कुछ जिलों में एक-दो बैठकें ही हो सकी हैं. हर 15 दिन में कोर कमेटी की बैठक के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें स्थानीय और प्रदेश स्तर के मामलों पर चर्चा कर प्रस्ताव पारित कर जानकारी भेजनी होगी. सांसद और विधायकों के साथ संगठन के समन्वय की कमी, कुछ जिलों में सांसद और विधायकों के साथ संगठन के समन्वय की कमी का मामला भी बैठक में उठा. इसमें कहा गया कि आपसी मतभेद बुलाकर बैठकर संवाद करें. समन्वय होना जरूरी है. वहीं जिला अध्यक्षों और कमेटी सदस्यों को प्रवास के लिए भी कहा गया है. कमेटी में शामिल सदस्य स्थानीय मंत्री, जिला अध्यक्ष, संभागीय मंत्री और जिला महामंत्री की जिम्मेदारी आने वाले चुनाव में सबसे अहम बताई गई.
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सत्ता और संगठन में समन्वय जरूरी :संगठन की बैठकों के साथ कोर कमेटी से रिपोर्ट ली जा रही है कि जिलों में सरकारी कार्यक्रमों में संगठन की पूछ परख है या नहीं. जिला अधिकारियों को कार्यक्रम में बुलाते हैं नहीं और जो नहीं बुला रहे ऐसे अफसरों की जानकारी संगठन को भेजी जाए. यह भी पूछा जा रहा है कि जिलों में रहने वाले वरिष्ठ नेता पार्टी की बैठकों में आते हैं नहीं, जो प्रतिनिधि जनता और संगठन की नहीं सुनते, उनका भी फीडबैक लिया जाए. ऐसे जनप्रतिनिधियों की रिपोर्ट संगठन को दी जाए. मैराथन बैठकों में 10% वोट शेयर बढ़ाने, बूथ को मजबूत करने पर फोकस करने के साथ ही सत्ता संगठन में समन्वय पर भी रहा जोर रहा. (MISSION 2023 of BJP) (Message after marathon meetings) (BJP said Must win by all means)