भोपाल। कोरोना महामारी के चलते पूरा देश मानो थम गया है, कोरोना संक्रमण रोकने के लिए देशभर में 21 दिन का लॉक डाउन कल खत्म हो जाएगा. लेकिन इस बीच उद्योग जगत की गतिविधियों पर भारी असर पड़ा है. मजदूरों पर निर्भर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री तो पूरी तरह से ठप पड़ गई है. अचानक हुए लॉक डाउन के कारण जिस तरह मजदूरों ने अपने घर का रुख किया है, उसको देख कर लगता है कि उनकी वापसी जल्द संभव नजर नहीं आती. संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है.
कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से खिलौने, फर्नीचर, बिल्डर, हार्डवेयर, फुटवियर, कपड़े, एफएमसीजी उत्पाद, गिफ्ट का सामान, घड़ी मोबाइल, उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बिजली के सामान, चिकित्सा और सर्जिकल उपकरण, फार्मास्यूटिकल,आयरन और स्टील के उत्पादों पर काफी असर पड़ा है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोरोना को लेकर किया गया लॉक डाउन कब तक रहता है. इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. बड़ा सवाल यह है कि लॉक डाउन खुलने के बाद भी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री तुरंत पटरी पर आ जाए, यह भी कहना मुश्किल है. क्योंकि मजदूरों पर निर्भर इस इंडस्ट्री को पटरी पर लाने के लिए जहां मजदूरों का विश्वास जीतना होगा.
आर्थिक और व्यवसाय के जानकार शशिकांत त्रिवेदी कहते हैं कि मध्य प्रदेश में अभी जो हालात हैं. ऐसी स्थिति में मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री का शुरू होना और उसके पटरी पर आने में बहुत समय लगेगा. क्योंकि कोरोना महामारी है, इसका भी कोई भरोसा नहीं है कि सरकारी मशीनरी कंट्रोल कर पाएगी. सबसे दुखद बात तो यह है कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के लोग ही बीमार हो रहे हैं, जिससे प्रदेश स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी असर पड़ा है. शशिकांत द्विवेदी कहते हैं कि दूसरा पहलू यह है कि उद्योग को फिर से पटरी पर लाना, मजदूरों का विश्वास जगाना, उनका वापस आना और उनकी नौकरी को सुरक्षा देना. यह बड़ी चुनौती होगी.
नहीं पेश हो पाया मध्य प्रदेश का बजट