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डरना जरूरी है: अकेले भोपाल में कोरोना ने एक साल में ली 2375 जानें

कोरोना इस पर कहर ढा रहा है. भोपाल में पिछले एक साल में कोरोना ने 2375 लोगों की जान ले ली. श्मशान घाटों पर कोरोना प्रोटोकॉल से हो रहे अंतिम संस्कारों की गिनती, सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है.

place shortage for funeral
अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ी जगह

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Published : Apr 16, 2021, 10:44 PM IST

भोपाल। कोरोना का संक्रमण लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है. आंकड़े बेहद डराने वाले हैं. पिछले साल अप्रैल से लेकर इस साल 10 अप्रेल के दौरान कोरोना 2375 लोगों की जान ले चुका है. सरकारी आंकडे़ं कुछ भी हों, लेकिन भोपाल के दो विश्रामघाट और एक कब्रिस्तान से मिले आंकड़ों ने कोरोना की भयानक तस्वीर पेश की है. कोरोना के दूसरे फेज में यह आंकड़े और भी भयानक हैं. सिर्फ अप्रेल महीने में ही शहर के दो विश्राम घाट पर पिछले 12 दिनों में 361 लोगों का कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार हो चुका है.

पिछले साल अप्रेल में 37, इस साल 12 दिन में 372 मौत

भोपाल के भदभदा विश्रामघाट और सुभाष नगर विश्रामघाट पर ही अधिकांश कोरोना प्रोटोकाॅल वाली देह का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. पिछले साल अप्रेल में शहर के जहांगीराबाद स्थित झदा कब्रिस्तान मेंं 17 देेह सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. जबकि भदभदा विश्राम घाट पर 13 और सुभाष नगर विश्राम घाट पर सिर्फ 7 देह का कोरोना प्रोटोकाॅल में अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना प्रोटोकाॅल वाली देह का आंकड़ा कई गुना बढ़ गया है. पिछले 12 दिनों के दौरान भदभदा विश्रामघाट पर ही 253 देह का प्रोटोकाॅल में अंतिम संस्कार किया गया. सुभाष नगर विश्राम घाट पर यह आंकड़ा 108 का है.

डराते हैं ये आंकड़े

झदा कब्रिस्तान - कब्रिस्तान के इंतजामिया समिति की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अप्रेल महीने से लेकर इस साल 4 अप्रेल तक 312 देह का कोरोना प्रोटोकाॅल में सुपुर्द-ए-खाक किया गया है. पिछले साल 2020 में -

महीना सुपुर्द-ए-खाक हुए शव
अप्रैल 17
मई 18
जून 23
जुलाई 38
अगस्त 70
सितंबर 30
अक्टूबर 26
नवंबर 20
दिसंबर 22
जनवरी 2021 11
फरवरी 2021 05
मार्च 2021 11
04 अप्रैल 2021 तक 11



सुभाष नगर विश्राम में पिछले 13 दिन में 108 का कोरोना प्रोटोकॉल में हुआ अंतिम संस्कार

सुभाष नगर विश्राम घाट- सुभाष नगर विश्राम घाट के प्रबंधन के दिए आंकड़ों की मानें, तो इस साल अप्रैल महीने में बड़ी संख्या में कोरोना प्रोटोकाॅल में अंतिम संस्कार हो रहा है. पिछले 13 दिनों में ऐसी 108 देह का अंतिम संस्कार किया गया. पिछले एक साल में सुभाष नगर विश्राम घाट पर कोरोना प्रोटोकाॅल में 380 देह का अंतिम संस्कार किय गया. हालांकि इंतजामिया समिति ने इसके दस्तावेज देने से फिलहाल मना कर दिया है. अप्रेल 2020 से आंकड़े देखे जाएं तो-

महीना शवों का अंतिम संस्कार
अप्रैल 07
मई 05
जून 07
जुलाई 14
अगस्त 45
सितंबर 101
अक्टूबर 52
नवंबर 21
दिसंबर 15
जनवरी 2021 02
फरवरी 2021 01
मार्च 2021 02
1 स् 13 अप्रैल 2021 108


पिछले एक साल में 1471 देह का कोरोना प्रोटोकाॅल में अंतिम संस्कार

भदभदा विश्राम घाट - भोपाल में आसपास के जिलों के कोरोना मरीज भी इलाज के लिए आते रहे हैं .मौत होने पर उनकी देह का भी प्रोटोकाॅल के तहत शहर के भदभदा शम शान घाट पर ही अंतिम संस्कार किया गया. पिछले एक साल में यहां कोरोना प्रोटोकाॅल में 1471 देह का अंतिम संस्कार किया गया. इसमें भोपाल का आंकड़ा भी कम चौंकाने वाला नहीं है. इनमें से भोपाल की 754 देह हैं. भदभदा विश्राम घाट का प्रबंधन देखने वाले अरूण चौधरी के मुताबिक कोरोना के शुरू होने के बाद से अभी तक 2100 डेड बाॅडी का कोरोना प्रोटोकाॅल में अंतिम संस्कार किया गया है.

पिछले साल अप्रेल 2020 से आंकड़ों को देखें तो

महीना शवों का अंतिम संस्कार
अप्रैल 13
मई 40
जून 31
जुलाई 69
अगस्त 157
सितंबर 135
अक्टूबर 292
नवंबर 131
दिसंबर 221
जनवरी 2021 144
फरवरी 2021 45
मार्च 2021 152
1 से 11 अप्रैल 2021 253


राज्य सरकार की ओर से कोविड संक्रमण को लेकर हर दिन जारी की जाने वाली रिपोर्ट के हिसाब से देखा जाए, तो पूरे मध्यप्रदेश में पिछले एक साल के दौरान 4312 कोरोना मरीजों की मौत हुई है. इसमें राजधानी भोपाल में कोरोना से 658 लोगों ने दम तोड़ा है. सरकार की ओर से बताए जा रहे मौत के आंकड़ों पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है, कि प्रदेश सरकार कोरोना से मौत के आंकड़ों को छिपा रही है.

कोरोना के संदिग्धों से बढ़ा आंकड़ा ?

सरकार की ओर से बताए जा रहे कोरोना से मौत के आंकड़ों और श्मशान से आ रहे आंकड़ों में अंतर को लेकर, स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभु राम चौधरी ने कहा कि कोरोना संदिग्ध का अंतिम संस्कार भी कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया जाता है. इसलिए ये आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा होता है. हालांकि वे कहते हैं कि सरकार यह नहीं कहती कि कोरोना से मौतें नहीं हो रही हैं.

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