भोपाल। प्रदेश में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय पर विभागीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान मंत्री ने सख्त निर्देश दिए कि पुलिस अधिकारियों से कहा कि गंभीर अपराधों में संलिप्त अपराधियों से सख्ती से निपटना आवश्यक है. सभ्य समाज से अपराध और अपराधियों को खत्म करने के लिए अपराधियों में कानून का खौफ जरूरी है. घृणित और नृशंस अपराध करने वालों की सजा फांसी ही होनी चाहिए.
बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर गृह मंत्री ने की बैठक पुलिस के आला अधिकारियों को गृह मंत्री का निर्देश
गृह मंत्री ने विभागीय समीक्षा में आला अधिकारियों को अपराधों की उत्कृष्ट तरीके से विवेचना करने के निर्देश दिए. प्रदेश में कार्यरत सभी पुलिसकर्मियों के लिए आवास की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवास निर्माण की सभी संभावनाओं को तलाशने, आवश्यक प्रस्ताव तैयार करने और क्रियान्वयन की कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं, बैठक में पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा एवं पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
नरोत्तम मिश्रा ने की महिला अपराध की समीक्षा
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने महिला अपराध की समीक्षा करते हुए कहा कि क्रूरतापूर्वक किए गए अपराधों के लिए दंड में किसी प्रकार की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए. अपराधियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए जरूरी है कि विवेचना का स्तर उच्च रहे, जिससे अपराधी बच न सकें. अपराध नियंत्रण के लिए सतत मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं, बैठक में बताया गया कि महिला एवं बाल अपराध में फांसी की सजा संबंधी 6 मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, जबकि 34 में सजा का क्रियान्वयन होना है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय माने ने बताया कि महिला अपराध के मामलों में 60 दिवस की निर्धारित अवधि में 47 प्रतिशत निराकरण के साथ मध्यप्रदेश देश में अग्रणी स्थान पर है.
पुलिसकर्मियों के आवास पर काम
गृह मंत्री ने समीक्षा करते हुए कहा कि सभी पुलिसकर्मियों को उनके बेहतर कर्त्तव्य निर्वहन के लिए कार्यस्थलों पर आवास उपलब्ध कराना प्राथमिकता है. उन्होंने पुलिस आवासों के निर्माण के लिए शासकीय स्तर के अतिरिक्त पीपीपी मोड पर भी संभावनाएं तलाशे जाने के निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों के लिए 20 हजार आवासों के निर्माण हेतु 15वें वित्त आयोग की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा गया है. सभी संभावनाओं को तलाशा जाए. पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर भी कार्य प्रारंभ किए जा सकते हैं.
वकील उपलब्धता पर आदेश
गृह मंत्री ने कहा कि अपराधों से पीड़ित और गरीबों को विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए सरकारी वकील उपलब्ध कराए जाने की सुविधा दी गई है. इसके अन्तर्गत पीड़ित को लोक अभियोजन कार्यालय में पैनलबद्ध वकीलों में से वकील को चुनने की स्वतंत्रता दिया जाना जरूरी है. अपर मुख्य सचिव गृह राजौरा को इस संबंध में नियमानुसार समस्त औपचारिकता पूर्ण कर आदेश जारी करने के निर्देश दिये हैं.
महिला पुलिस वालेंटियर योजना
मंत्री ने बैठक में महिला पुलिस वालेंटियर योजना के क्रियान्वयन में आ रही वित्त एवं तकनीकी समस्याओं के निदान के लिए वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से दूरभाष पर चर्चा की, उक्त योजनान्तर्गत प्रदेश के 35 हजार 870 वार्ड एवं ग्राम पंचायतों में महिला स्वयं सेवक की तैनाती की जानी है. ये पुलिस एवं जनता के मध्य सेतु का कार्य करेंगी. केन्द्र सरकार पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मुरैना एवं विदिशा जिले का चयन किया है. मंत्री मिश्रा ने सम्पूर्ण प्रदेश के इसके क्रियान्वयन के लिए आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर मूर्त रूप देने के निर्देश दिए हैं.
भत्ते में बढ़ोत्तरी
बैठक में एडीजी प्रबंध शाखा डी. श्रीनिवास राव ने अवगत कराया कि पुलिसकर्मियों को वर्ष में वर्दी एवं अन्य किट को तैयार करने और उसके रख-रखाव के लिए अभी मात्र 2500 से 3000 रूपए भत्ता मिल रहा है. गृह मंत्री ने भत्ता बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने अपर मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि भत्ते की वृद्धि के लिए प्रचलित कार्रवाई की पड़ताल करते हुए आवश्यक कदम उठाएं.