भोपाल। जबलपुर की घटना (Fire in Jabalpur Hospital) से सबक लेते हुए मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम अस्पतालों के निरीक्षण और फायर सेफ्टी की चेकिंग में लग गये हैं. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की फायर टीमों ने भोपाल के अस्पतालों में निरीक्षण किया. इस दौरान हमीदिया अस्पताल में मॉक ड्रिल की गई. जबकि दो अस्पतालों की फायर एनओसी (No Objection Certificate) नहीं होने पर उन्हें नोटिस देकर महीने भर का समय दिया गया है.
भोपाल के अस्पतालों का लिया जायजा हमीदिया अस्पताल में फायर सेफ्टी को लेकर मॉक ड्रिल:बेहतर व्यवस्थाएं देखने के लिए सबसे पहले नगर निगम का अमला हमीदिया अस्पताल पहुंचा और यहां फायर सेफ्टी को लेकर मॉक ड्रिल की गई. निगम के अधिकारियों ने यहां मौजूद कर्मचारियों को समझाया कि अन्य बिल्डिंग की अपेक्षा जब अस्पताल में आग लगती है तो यहां कई चीजों की सावधानी बरती जाती है. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है भीड़ को संतुलित रखना. जिसके लिए बिना शोर किए वायरलेस, कॉडलेस या इशारों से अपने साथी को इसकी सूचना दी जाए. इसके साथ ही अधिकारियों ने हमीदिया में लगे फायर सेफ्टी सिस्टम का भी निरीक्षण किया और पानी पहुंचने की व्यवस्थाओं को भी जाना.
इलेक्ट्रिकल ऑडिट की चेकिंग की: वहीं दूसरी ओर नगर निगम अग्निशमन टीम के अधिकारी भोपाल के अन्य अस्पतालों और नर्सिंग होम में भी पहुंचे. फायर ऑडिट के साथ इलेक्ट्रिकल ऑडिट की भी चेकिंग की. निगम के अधिकारी आराधना नगर स्थित शुक्ला अस्पताल में पहुंचे, जहां देखा कि अस्पताल में फायर हाईडेंट यानी पानी की आपूर्ति करने वाले सिस्टम का कनेक्शन सिर्फ बिजली से है. वहीं निगम की टीम मंगलवारा स्थित एनटीआर और बीएचईएल के डॉल्फिन चिल्ड्रन अस्पताल में भी पहुंची. इन अस्पतालों ने फायर सेफ्टी के लिए परमिशन नहीं ली थी, जिसके चलते इसमें मरीजों के भर्ती होने पर रोक लगाई गई है.
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दो अस्पतालों में नए मरीजों की भर्ती पर रोक:भोपाल CMHO प्रभाकर तिवारी के अनुसार ''बीएचईएल की निजामुद्दीन कॉलोनी में बने डॉल्फिन चिल्ड्रन हॉस्पिटल और पुराने भोपाल के मंगलवारा में स्थित एनटीआर अस्पताल ने फायर सेफ्टी के लिए एनओसी के आवेदन दिए थे. जिसे नगर निगम ने कैंसिल कर दिए. ऐसे में इन दोनों अस्पतालों में नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगाई गई है. वहां के मरीजों को अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा. अगर यह दोनों अस्पताल 1 महीने के अंदर टेंपरेरी फायर सेफ्टी एनओसी नहीं लेते तो इनका पंजीयन निरस्त किया जा सकता है''. सीएमएचओ का कहना है कि ''अस्पतालों का निरीक्षण लगातार जारी रहेगा. फायर सेफ्टी को लेकर जैसे निर्देश दिए गए हैं उसका पालन सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम को करना जरूरी है. ऐसे में शासन से आगे जो भी निर्देश आएंगे उसके तहत कार्रवाई भी की जाएगी''.
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