भोपाल। शिवराज सरकार दिग्विजय सिंह की फरलो स्कीम राज्य में लागू करने की सोच रही है. स्कीम की खास बात ये है कि सरकारी कर्मचारी अपने काम से 5 साल के लिए ब्रेक ले सकते हैं. इस दौरान वे कोई प्राइवेट नौकरी या बिजनेस कर सकेंगे.
क्या है फरलो स्कीम
पतली वित्तीय हालत को सुधारने के लिए और कर्ज का बोझ कम करने के लिए सरकार फरलो स्कीम ला रही है. इसके तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी 5 साल के लिए नौकरी से ब्रेक ले सकता है. इस दौरान वो अपना काम या कहीं प्राइवेट नौकरी भी कर सकता है. इस ब्रेक में सरकार उसे 50 फीसदी वेतन देगी.
फरलो स्कीम का मकसद क्या है ?
फरलो स्कीम का मकसद सरकारी खजाने का बोझ कम करना है. ये तो सरकारी के फायदे की बात रही. कर्मचारियों के फायदे की बात ये है कि ब्रेक के दौरान उन्हें आधा वेतन मिलता रहेगा. साथ ही उनकी सीनियरिटी या वरिष्ठता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इस स्कीम के तहत कोई भी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी 5 साल के लिए खुद का बिजनस या देश-विदेश में किसी निजी कंपनी में नौकरी कर सकेगा.
2002 में दिग्विजय सिंह का था प्लान
यह स्कीम दिग्विजय सिंह 2002 में लाए थे, जब वे प्रदेश के सीएम थे. बात आई गई हो गई. लेकिन अब कर्ज के बोझ से दबी शिवराज सरकार अब इसे नए सिरे से लागू करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए वित्त विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इसे जल्दी ही मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस पर अंतिम फैसला लेंगे.