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कोरोना की तीसरी लहर:बच्चों को बचाना है, अब तक कई मामले सामने आए, तैयारियों में जुटी सरकार

प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी हजारों बच्चे इस संक्रमण से जूझ रहे हैं, वहीं तीसरी लहर की आशंका ही बेहद डरावनी लगती है. हालांकि एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया कोराना की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित न होने की बात कह रहे हों, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि दूसरी लहर में भी हजारों की संख्या में बच्चे भी कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं.

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कोरोना की तीसरी लहर

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Published : May 25, 2021, 7:38 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से मचे हाहाकार से फिलहाल थोड़ी राहत दिखाई दे रही है, लेकिन तीसरी लहर की आशंका भी बनी हुई है. जिससे बचने के लिए प्रदेश सरकार ने कुछ तैयारियां भी शुरू की हैं. खास बात यह है कि तीसरी लहर में बच्चों से संक्रमित होने का ज्यादा खतरा बताया जा रहा है. ऐसे में जहां प्रदेश में दूसरी लहर के दौरान भी हजारों बच्चे इस संक्रमण से जूझ रहे हैं, वहीं तीसरी लहर की आशंका ही बेहद डरावनी लगती है. हालांकि एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया कोराना की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित न होने की बात कह रहे हों, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि दूसरी लहर में भी हजारों की संख्या में बच्चे भी कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अगर असावधानी बरती गई तो बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है.

कोरोना की तीसरी लहर

क्या कहते हैं एम्स की डायरेक्टर

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (दिल्ली एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने हाल ही में दिए अपने बयान में कहा कि-

कोरोना वायरस का सिर्फ बच्चों पर असर होने की बात कहना गलत है.ऐसे अभी तक वैज्ञानिक सबूत नहीं मिले हैं जिसके आधार पर कोई कह सके कि तीसरी या चौथी लहर में बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे.कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण बहुत कम देखा गया है. ऐसे में अब तक ऐसा नहीं लगता है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में कोविड संक्रमण देखा जाएगा.कोरोना वायरस का सिर्फ बच्चों पर असर होने की बात कहना गलत है.क्योंकि सालभर से देखने को मिल रहा है कि संक्रमण हर आयु वर्ग में है लेकिन जानलेवा 45 वर्ष से अधिक आयु खासतौर पर बुजुर्गों में है.

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, डायरेक्टर एम्स, दिल्ली

सेकंड वेब में 20 परसेंट बच्चों को संक्रमण

कोरोना की तीसरी लहर
दरअसल कोरोना की पहली वेब में इस तरह का कोई संक्रमण बच्चों में नहीं देखा गया था लेकिन दूसरी लहर में 10 परसेंट से लेकर 20 परसेंट तक संक्रमण बच्चों में पाया जा रहा है. इस दौरान इस बीमारी से बच्चों के ह्रदय किडनी फेफड़े और आप में सूजन देखी गई.कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर खतरे की आशंका के पहले ही कई बच्चे मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (कोरोना महामारी से उबरे बच्चों के ‘मल्टी- सिस्टम इन्फ्लैमेटरी सिंड्रोम’ से संक्रमित होने का खतरा पैदा हो सकता है) की चपेट में आ रहे हैं, इंदौर के अस्पतालों में भर्ती हुए करीब 60 बच्चों में से इस सिंड्रोम के कारण अब तक चार बच्चों की मौत हो चुकी है.बच्चों को सिंड्रोम के लक्षण पाए जाने पर तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाना ज्यादा जरूरी है इसलिए सिंड्रोम के लक्षण आंखें लाल होना शरीर पर दाने और खुजली होना जीव का लाल हो जाना हृदय की धड़कन ए बढ़ जाना शरीर में सुस्ती रहना सांसो का तेज चलना और सांस लेने में तकलीफ होना इसके अलावा सूजन रहना आदि प्रमुख माना जा रहा है.

कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी, मेडिकल कॉलेज में तैयार हो रहा एसएनसीयू

आंकड़े कहते हैं..कुछ और कहानी

कोरोना की तीसरी लहर

कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है, जबकि एक आंकड़े के मुताबिक मध्यप्रदेश में अभी तक करीब 53086 बच्चे इसकी चपेट में पहले ही आ चुके हैं. राहत वाली बात ये है कि 18+ से नीचे मरने वालों की संख्या महज पांंच है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, तीसरी लहर के आने से पहले करीब 53086 हज़ार बच्चों को कोरोना संक्रमण हो चुका है.

डॉ निशांत खरे, प्रभारी कोविड केयर सेंटर

  • इनमें 5 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 6825, 1 साल तक के बच्चों की संख्या 987 है. विभाग के मुताबिक, संक्रमित बच्चों में 31 हज़ार लड़के और 22 हज़ार लड़कियां हैं.
  • प्रदेश भर में संक्रमित बच्चों का आंकड़ा देखा जाए तो 0 से 1 साल तक के करीब 987 बच्चे संक्रमित हुए. इनमें से 581 लड़के और 406 लड़कियां हैं.
  • 1 से 2 साल तक के करीब 1292 बच्चे कोरोना पॉजिटिव हुए. इनमें 724 लड़के और 568 लड़कियां हैं.
  • 2 से 5 साल तक के 4546 बच्चे संक्रमित हुए. इनमें 2508 लड़के और 2038 लड़कियां हैं.
  • 5 से 10 साल तक के करीब 10362 बच्चे संक्रमित हुए. इनमें 5867 लड़के और 4495 लड़कियां हैं.
  • 10 से 14 साल तक के 12877 बच्चे संक्रमित हुए. इनमें 7332 लड़के और 5545 लड़कियां हैं.
  • 14 से 18 साल तक के 23022 बच्चे संक्रमित हुए. इनमें 13992 लड़के और 9030 लड़कियां हैं.
  • हाल ही में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में 20 अप्रैल से लेकर अब तक की गई कोरोना की सैंपलिंग में 302 बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं हालांकि इनमें से ज्यादातर बच्चे उन परिवारों के बच्चे थे जिनके परिवार में कोई ना कोई कोरोना पाजीटिव हुआ और कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री के तौर पर इन बच्चों का भी कोरोना टेस्ट कराया गया.
  • सागर की बात करें,तो शहर में अब तक कोरोना से 302 बच्चे संक्रमित होते हैं। बताया जा रहा है कि जिनमें से 15 की स्थिति गंभीर हो गई थी और 4 मौत का शिकार हो चुके हैं। हालांकि ये डाटा पिछले एक साल का है.
  • राहत की बात यह है कि फिलहाल की स्थिति में बीएमसी या जिले के किसी भी अस्पताल में कोई भी कोरोना पॉजिटिव बच्चा भर्ती नहीं है और ना ही किसी बच्चे के गंभीर रूप से पीड़ित होने की सूचना मिली है.
    कोरोना की तीसरी लहर

बच्चों को बचाना है, सरकार ने शुरू की तैयारियां
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने के अलर्ट के बीच सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में सर्व सुविधा युक्त ICU वार्ड तैयार किए जा रहे हैं.

  • 360 बिस्तरों के साथ ICU वार्ड की तैयारी शुरू हो गई है.
  • भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 50 बिस्तरों का अस्पताल बच्चों के लिए तैयार किया जा रहा है.
  • भोपाल के शिशु रोग विशेषज्ञ दूसरे विभागों के डॉक्टर्स को ट्रेनिंग देने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है.
  • इंदौर के चाचा नेहरू अस्पताल में बच्चों के लिए 20 बेड का आईसीयू वार्ड बनाया गया है.
  • बच्चों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है. सागर के गढ़ाकोटा में चाइल्ड कोविड केयर सेंटर तैयार हो चुका है. वहीं बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू भी तैयार किया गया है.
  • चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को चौबीसों घंटे व सातों दिन संचालित करने,अस्पतालों में बिजली की सप्लाई, इलेक्ट्रिक सेफ्टी ऑडिट, प्रत्येक बेड पर पॉवर प्लग कनेक्शन आदि की व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा गया है.
  • यह जिम्मेदारी अस्पताल के डीन की होगी कि वह इस व्यवस्था की देखरेख करेंगे.
कोरोना की तीसरी लहर

ये सावधानियां बरतें जिससे बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकें

  • बच्चों पर लगातार नजर बनाएं रखें. उन्हें थोड़ा सा भी कफ, खांसी, जुकाम होने पर बेसिक इलाज शुरू कर दें.
  • बच्चों को ठंडी चीजें नहीं खिलाएं. जैसे आइस्क्रीम, कोल्ड्रिंक्स, चॉकलेट भी नहीं खिलाएं.
  • साफ-सफाई के बारे में बताएं,सैफ्टी टिप्स दें और हाइजिन के बारे में बताएं.
  • कोविड के नए लक्षणों में पेट दर्द, उल्टी, दस्त जैसी समस्या भी सामने आ रही है. बच्चों में इस तरह के लक्षण पाएं जाने पर डॉक्टर से सलाह लें.
  • अगर बच्चे सुस्त नजर आते हैं तो उन्हें भी थोड़ा योग और हल्की एक्सरसाइज कराएं. इससे उनका इम्यूनिटी लेवल भी बढ़ेगा, ताकत भी रहेगी और वह तंदुरूस्त बनें रहेंगे.
  • बच्चों की डाइट में जरूर बदलाव करें उन्हें हेल्दी सब्जी खिलाएं, फ्रूट्स खिलाते रहें.
  • सैनिटाइजर की जगह बच्चों को साबुन से हाथ धोने के लिए कहें. बार-बार मुंह पर हाथ फेरने से रोकें
  • मास्क का सही तरीके से उपयोग कैसे पहनना है और कैसे निकालकर रखना है यह जरूर बताएं.
  • बच्चों को माइंड गेम, ऑनलाइन डांस क्लास, पजल, स्टोरी रीडिंग जैसी चीजों में व्यस्त रखें.
  • परिवार के सदस्य बाहर से कोई भी वस्तु ला रहे हैं तो उन्हें छूने न दें जब तक आप सैनिटाइज नहीं कर देते.

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