भोपाल।देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना के पॉजिटिव मरीजों के अनुपात में अस्पतालों में बेड़ और स्वास्थ्य सुविधाएं कम हो रही हैं, जिसे देखते हुए सरकारें और प्रशासन कम अथवा बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रख इलाज कर रहे हैं. राजधानी भोपाल में भी पहले तो ज्यादातर मरीजों को कोविड-19 केयर सेंटर में भर्ती करके ही उनका इलाज किया जा रहा था, लेकिन संक्रमण के बढ़ने के साथ ही प्रशासन बिना लक्षण वाले संक्रमित लोगों को उनके घरों में ही होम आइसोलेट करना शुरू कर दिया है.
60 प्रतिशत बेड़ हुए फुल
जुलाई महीने में जब राजधानी में संक्रमण बढ़ने लगा तो करीब 700 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया था, फिर धीरे-धीरे इसे कम किया गया. लेकिन अब अगस्त में जब फिर मामले बढ़ने लगे तो एक बार फिर से मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जाने लगा है. बता दें कि राजधानी भोपाल में अभी करीब 85 कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में हैं. वहीं शहर के 7 अस्पतालों के 2 हजार में मरीजों को लक्षणों के आधार पर बांटकर इलाज किया जा रहा है, जहां करीब 60 प्रतिशत बेड़ भर चुके हैं.
प्रशासन कर रहा मॉनिटरिंग
राजधानी भोपाल में होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों ने इलाज के बारे में जानकारी देते हुए कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की मॉनिटरिंग भी नियमित तौर पर की जा रही है. डॉक्टर कंट्रोल रूम से सभी होम आइसोलेट मरीजों को वीडियो कॉल पर संपर्क करते हैं और जरूरी जानकारी लेते हैं. यदि डॉक्टर को लगता है कि किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है तो उस हिसाब से कदम उठाया जाता है.
डॉक्टर पहुंच रहे मरीजों के घर
होम आइसोलेट मरीजों को आमतौर पर आइसोलेशन किट भी दी जाती है जिसमें मास्क, सैनिटाइजर और जरूरी दवाएं होती हैं. लेकिन भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि यह जरूरी नहीं है कि होम आइसोलेट मरीज को किट दी जाए. ऐसे मरीजों को यह सलाह दी जाती है कि वह अपने शरीर के तापमान मापन करते रहें. कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि यदि मरीज के पास थर्मामीटर है तो वह खुद चेक करके नियमित तौर पर डॉक्टर को बताता है और यदि नहीं है तो डॉक्टर खुद मरीज के घर जाकर उसकी जांच करते हैं.
राजधानी भोपाल में संक्रमितों की संख्या की बात करें तो 10 अगस्त तक पॉजिटिव मरीजों की संख्या 7770 हो गई है, जबकि 220 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं भोपाल में अब तक 5,556 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जिसके बाद 1994 कोरोना पॉजिटिव मरीज अभी भी एक्टिव हैं.
सैंपल टेस्टिंग क्षमता में बढ़ोत्तरी
टेस्टिंग की क्षमता को लेकर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का कहना है कि हमने न केवल राजधानी भोपाल बल्कि प्रदेश के हर जिलों में टेस्टिंग की व्यवस्था को बढ़ाया है.प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग हर दिन 20 हजार टेस्ट करने के लिए सक्षम है. भोपाल समेत पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी भी इसलिए देखने को मिल रही है, क्योंकि अब ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं.पहले सुविधा कम थी तो कम टेस्ट हो रहे थे.