भोपाल। राजधानी भोपाल के मध्य विधानसभा से नवनिर्वाचित विधायक आरिफ मसूद का मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखा पत्र अब विवादों में घिर गया है. भाजपा ने इसे दबाव की राजनीति करार दिया है, वहीं कांग्रेस ने इसे विधायक की जिम्मेदारी बताया है.
विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखकर खंडवा जिले में हुई गोकशी की घटना को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी, साथ ही उन्होंने इस घटना की एसआईटी से जांच कराने की मांग भी रखी थी. विधायक ने अपने पत्र के माध्यम से खंडवा कलेक्टर को तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग भी की है.
पत्र में गोकशी की घटना को निंदनीय बताते हुए विधायक ने प्रशासन पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने आरोपी के परिजनों का पक्ष सुना ही नहीं गया है. इस पूरे मामले पर भाजपा प्रवक्ता हिदायतुल्ला शेख का कहना है कि विधायक आरिफ मसूद ने केवल कल लेटर नहीं लिखा है, बल्कि उसे सोशल मीडिया और पत्रकारों में भी वायरल किया है. मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि तुष्टीकरण के मामले में इस तरह से क्यों किया जा रहा है यदि कोई अधिकारी कार्रवाई कर रहा है तो उनका पक्ष भी सुन लेना चाहिए.
पत्र विवाद पर कांग्रेस-बीजेपी की प्रतिक्रिया कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज का कहना है कि आरिफ मसूद निर्वाचित विधायक हैं कांग्रेस का हर एक विधायक अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाता है. कांग्रेस के विधायक का दायित्व है कि जनता की समस्याओं और परेशानियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाये, इसलिए कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है. जो परेशानियां सामने आ रही है उन्हें दूर करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सभी की बात सुनकर उसे एक उचित प्लेटफार्म पर रखकर उसका निदान करने वाले मुख्यमंत्री है, उनकी सोच है कि कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित नहीं होना चाहिए और मुख्यमंत्री इस तरह के मामलों में हस्तक्षेप जरूर करते हैं, जहां पर न्याय की कमी महसूस होती है.