भोपाल।शहर के जंबूरी मैदान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया और उन्हें नियुक्ति पत्र भी दिए. इस दौरान शिवराज ने सबसे पहले मंच पर आकर घुटने के बल बैठकर गुरु को प्रणाम किया, इस दौरान उन्होंने गुरुओं का महत्व भी बताया. शिवराज ने कहा कि पहले के समय में मध्यप्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में पीछे था, लेकिन अब आगे बढ़ रहा है. इस साथ ही शिवराज ने शिक्षकों द्वारा बच्चों से कराए जाने वाले काम को लेकर भी शिक्षकों को जागरूक किया. MP Teachers Training
शिक्षक बच्चों को सिखाएं सभी गुर:सीएम चौहान ने कहा कि आज के समय में बच्चा अगर पानी का गिलास लेकर आता है तो उस पर भी बवाल हो जाता है. पहले हमारे समय हम तो झाड़ू लगाते थे, दरी बिछाते थे और सारे काम करते थे. छात्रों को परिश्रम करना भी सिखाए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनसे काम ही कराएं. किताबी शिक्षा के साथ अलग-अलग कृषि, बागवानी आदि की शिक्षा भी दी जाए, जो नाई शिक्षा नीति में है. शिक्षा में नैतिक शिक्षा भी हो." Teachers Training Summit
शिक्षकों को नसीहत:
-जब हम ही देरी से स्कूल जायेंगे ओर बच्चों को बोले कि टाइम पर आओ तो कैसे काम चलेगा. इसलिए समय से स्कूल पहुंचे.
-यदि शिक्षक खुद गंदे रहेंगे और बच्चों को बोलेंगे कि साफ रहें तो अच्छा नहीं रहेगा. इसलिए स्वच्छ्ता का धयान रखें.
-झूठ नहीं बोले, जब आप झूठ बोलोगे और फिर बच्चों से कैसे कहोगे की सच बोलो. इसलिए हमेशा सत बोलें.
- जमाने के साथ खुद को अपडेट रखे.
-पालकों से संवाद करें.
बेहतर शिक्षा देना हमारा संकल्प: प्रदेश के मुखिया शिवराज ने कहा कि "सीएम राइज स्कूल के माध्यम से हम बेहतर शिक्षा दें यही हमारा संकल्प है. पहले 2 प्रतीशत बजट का शिक्षा में खर्च होता था, अब 12 प्रतिशत खर्च होता है. अंग्रेजी भाषा को लेकर हमे मानसिक गुलाम बना दिया, अंग्रेजी को लेकर बच्चो के मन मैं डर बना दिया है. बाहर जाओ तो उसे अगर अंग्रेजी नहीं आती तो वो डर जाता है, मैं तो नही डरता. आप अपनी मात्र भाषा में ही बोले."
सभी शिक्षक मेरे भांजे भांजियों के गुरु:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, "आप सब मेरे भांजे भांजियों के गुरु हैं. मैं वचन देता हूं कि आपके मान सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. गुरुओं का आदर और सम्मान हो, समाज में इज्जत और मान रहे तभी वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन प्रभाव पूर्वक कर सकते हैं. एक समय था जब शिक्षा को चौपट कर दिया गया, कई वर्ग बना दिए गए. ना जाने अब शिक्षकों के कितने वर्ग हो गए हैं, अब हम व्यवस्था में सुधार करें इस मुकाम पर पहुंचे हैं."