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3 दिन पचमढ़ी में 'सरकार' : सीएम सहित 30 कैबिनेट मंत्री होंगे शामिल, आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश पर होगा मंथन, कांग्रेस ने उठाए सवाल - Pachmarhi cabinet meeting news

MP की शिवराज सरकार की कैबिनेट बैठक 26-27 मार्च को पचमढ़ी में आयोजित होगी. बैठक में प्रदेश के विकास के साथ ही राज्य को आत्मनिर्भर बनाने पर मंथन किया जाएगा. मीटिंग में सीएम शिवराज से साथ उनके 30 कैबिनेट सहयोगी भी शामिल होंगे. शुक्रवार शाम 7 बजे विशेष बस से सभी लोग पचमढ़ी के लिए रवाना होंगे. पचमढ़ी मंथन पर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सहयोगियों के साथ मंत्रालय में एक अनौपचारिक बैठक भी की . बैठक में कैबिनेट के 16 बिंदुओं को तय किया गया जिस पर आगामी तीन दिनों तक मंथन किया जाएगा. (cm shivraj government cabinet meeting in Pachmarhi)

cabinet meeting cm shivraj government
पचमढ़ी मंत्रिमंडल की बैठक पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान

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Published : Mar 25, 2022, 4:36 PM IST

Updated : Mar 25, 2022, 7:14 PM IST

भोपाल। पचमढ़ी में होने वाले शिवराज कैबिनेट के मंथन कार्यक्रम के लिए अगले 3 दिनों तक 'सरकार' पचमढ़ी में होगी. इसके लिए सीएम सहित सभी मंत्री, अधिकारी विशेष बस से शाम 7 बजे भोपाल से पचमढ़ी के लिए रवाना होगी. इससे पहले बैठक के 16 बिंदुओं को तय किया गया है. जिसपर चर्चा के लिए सीएम ने मंत्रालय में एक औपचारिक बैठक भी ली. प्रदेश के आत्मनिर्भर बनाने वाली जिन योजनाओं पर अगले 3 दिन मंथन किया जाएगा उनमें महिला सशक्तिकरण, रोजगार, लाॅ एंड ऑर्डर, मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन, लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाओं को शामिल किया गया है. कांग्रेस ने बैठक के औचित्य पर ही सवाल उठाए हैं. (cm shivraj government cabinet meeting in Pachmarhi)

पचमढ़ी मंत्रिमंडल की बैठक पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान

16 बिंदुओं की कार्ययोजना तय :पचमढ़ी में होने वाले चिंतन शिविर को लेकर सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि, अनौपचारिक बैठक में पचमढ़ी को लेकर एजेंडा तय किया गया हैं. इसमें महिला सशक्तिकरण से लेकर कानून व्यवस्था जैसे 16 बिंदुओं की कार्ययोजना तय की गई हैं. अनौपचारिक बैठक में जनता से प्राप्त सुझावों को भी शामिल किया गया है. इसी आधार पर तीन दिनों तक पचमढ़ी में मंथन किया जाएगा.

पचमढ़ी में होगी शिवराज कैबिनेट की बैठक, कांग्रेस ने बताया फिजूलखर्ची कहा-कर्ज लेकर घी पी रही है सरकार

बनाए गए मंत्री समूह :पचमढ़ी में होने वाले मंथन कार्यक्रम को लेकर बताया गया कि, बैठक में मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, कन्या विवाह, गौवर्धन योजना, जल जीवन मिशन, सीएम राइज स्कूल, अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए संचालित योजना, पीएम आवास, राशन वितरण व्यवस्था में सुधार और कर्मचारियाें से जुड़ी समस्याओं पर विचार किया जाएगा.

अधिकारी भी रहेंगे उपस्थित :मंत्रियों के साथ कुछ अधिकारी भी पचमढ़ी में जाएंगे. मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, सचिव एम सेलवेन्द्रम सहित आधा दर्जन अधिकारी भी पचमढी में मौजूद होंगे. इसके अलावा सीएम कार्यालय के अधिकारियों सहित विभागों के आला अधिकारी पचमढ़ी पहुंचेंगे. ताकि विभाग से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई जा सके. उधर मंत्रियों को भी एक सहयोगी ले जाने की इजाजत दी गई है.

प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने पर रणनीति
बैठक के एजेंडे के मुताबिक बैठक मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के मुद्दे पर होगी. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाना मुख्यमंत्री चौहान और उनके कैबिनेट मंत्रियों का नारा रहा है. राज्य के बाहर कैबिनेट की बैठक होने पर एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है. क्योंकि इस तरह की बैठकें पहले भी भोपाल के अलावा अन्य जगहों पर भी होती थीं.

मुख्यमंत्री के साथ बैठक में शामिल होंगे 30 कैबिनेट सहयोगी
कार्यक्रम के मुताबित मुख्यमंत्री अपने 30 कैबिनेट सहयोगियों के साथ शुक्रवार की शाम बस से पचमढ़ी के लिए रवाना होंगे. वे 27 मार्च को भोपाल लौटेंगे, पचमढ़ी में सीएम चौहान व कैबिनेट सदस्य राज्य पर्यटन विभाग द्वारा संचालित होटल में ठहरेंगे. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि बैठक के दौरान मंत्रियों के साथ आमने-सामने बातचीत करने की संभावना है.

कांग्रेस ने उठाए सवाल, बताया फिजूलखर्ची
करीब 3 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी मध्यप्रदेश सरकार विकास पर मंथन के लिए 3 दिन हिल स्टेशन पचमढ़ी पर बिताएंगी. सरकार के इस तीन दिन के आयोजन पर तकरीबन 3 करोड़ रुपए खर्च होंगे. कांग्रेस ने सरकार के इस आयोजन को फिजूलखर्जी बताते हुए कड़ा ऐतराज जताया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि क्या भोपाल में कांटे लगे हैं, जो सरकार को रणनीति बनाने पचमढ़ी जाना पड़ रहा है. कांग्रेस का आरोप है कि बैठक में तकरीबन 3 करोड़ रुपए खर्च होंगे. कर्ज में डूबी हुई सरकार की यह फिजूलखर्ची, कर्ज लेकर घी पीने जैसी है.

इस साल 3 लाख करोड़ के पार हो जाएगा एमपी पर कर्ज
प्रदेश पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है. मौजूदा स्थिति के अनुसार

- मार्च 2022 में मध्यप्रदेश पर कर्ज बढ़कर 2 लाख 95 हजार 532 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है.

- विधानसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश पर कर्ज बढ़कर 3 लाख 35 हजार करोड़ के आसपास पहुंच जाएगा.

उधार लेकर घी पी रही सरकार- कांग्रेस
कांग्रेस नेताओं के मुताबिक कैबिनेट मीटिंग के दौरान तमाम मंत्रियों के अलावा, मंत्री का स्टॉफ, अधिकारी और उनकी तमाम गाड़ियां पहुंचती हैं. इस तरह कुल मिलाकर करीबन डेढ़ हजार लोग कैबिनेट में पहुंचते हैं. इनके रूकने, खाने-पीने, वाहन, बैठक व्यवस्था आदि पर करीब 3 करोड़ रुपए का खर्च आता है. इस आयोजन को लेकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने भी सरकार पर तीखा हमला बोला है. पटवारी ने कहा कि सरकार कर्ज लेकर गाड़ियां खरीद रही है, नया प्लेन खरीदा जा रहा है और अब सरकार पचमढ़ी की यात्रा पर जा रही है.उन्होंने इसे सरकार की कर्ज लेकर घी पीने की नीति बताया है.

Last Updated : Mar 25, 2022, 7:14 PM IST

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