भाेपाल। लंपी वायरस का असर राजस्थान और हरियाणा सहित कुछ अन्य राज्यों में जोरों पर है. वहां हजारों गौवंश मर रहे हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों में दूध की कमी देखी जा सकती है. दूध के रेट बढ़ना भी वाजिब है. वहीं भोपाल और आसपास इस वर्ष लंपी वायरस का असर नहीं है. इसके बाद भी दूध के दाम आसमान पर हैं. सांची, अमूल, सबोरो, खजुराहो, श्रीजी जैसे ब्रांड अपने दूध के दाम अगस्त में बढ़ा चुके हैं. सांची दुग्ध के अधिकारियों का मानना है कि अब प्रदेश में दूध की कमी नहीं आ सकती है.
Bhopal सांची दूध के दाम फिर बढ़ सकते हैं, इसी माह हो सकता है निर्णय
मध्य प्रदेश में भले ही दूध की किल्लत न हो लेकिन वहां दाम आसमान छू रहे हैं. वैसे तो सर्वाधिक महंगा दूध जबलपुर में बिक रहा है, लेकिन भोपाल में भी लगातार दाम बढ़ते जा रहे हैं. जबलपुर में जहां एक लीटर दूध के दाम 66 रुपये हैं वहीं भोपाल में 60 रुपये लीटर है. सितंबर में इसके रेट फिर से रिवाइज होने की संभावना जतायी जा रही है. (Bhopal Sanchi milk prices may increase)
इसी माह हो सकते हैं रेट रिवाइजः दूध कंपनी के अधिकारियों का मानना है कि सितंबर में ये रेट फिर से रिवाइज होने वाले हैं. वहीं घर घर जाकर दूध की सप्लाई करने वाले दूधियों के रेट भी 60 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए हैं. जबकि जबलपुर में तो दूध के दाम आसमान छू रहे हैं. वहां इस समय 66 रुपये प्रति लीटर दूध बिक रहा है. अगर भोपाल में सितंबर में रेट रिवाइज हुए तो 2 से 5 रुपए और बढ़ सकते हैं दाम. (Bhopal Sanchi milk prices may increase)
दूध से बने हर उत्पाद के दाम बढ़ेः एक लीटर घी पर सौ से डेढ़ सौ रुपए तक बढ़ गए हैं दाम. अब साढ़े छह सौ रुपए तक पहुंच गया है एक किलो देसी घी दाम. पशुपालन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक जिले में 2.35 लाख पशु गौशाला या अन्य स्थानों में रजिस्टर्ड हैं. इसमें से 29,654 पशुओं को वर्ष 2021 में लंपी वायरस हुआ था. इस वर्ष उनमें हर्ड इम्यूनिटी आ गई है. इससे वे रिकवर कर गए हैं. उनके दूध देने की क्षमता भी पहले जैसी हो गई है. पशु पालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल का कहना हैं कि इस बार भोपाल में लंपी वायरस का कोई केस नहीं है. जिनको गत वर्ष यह वायरस हुआ था वह पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं. उनके दूध देने की क्षमता पहले जैसी हो गई है. (Bhopal Milk prise affacted other things)