भोपाल। पोषण आहार घोटाले के बाद भी गड़बड़ियां कई स्तर पर हैं. बच्चों के पोषण को लेकर चलाए जा रहे अभियान की रीढ़ कही जाने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी उसकी शिकार हैं. भोपाल समेत प्रदेश के 70 फीसदी जिलों में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में भी अनियमितता है. कई जिलों में पिछले तीन महीने से कार्यकर्ताओं को भवन किराया अब तक नहीं मिल पाया है. नाराज आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर उनके मानदेय और भवन किराए का जल्द भुगतान नहीं किया गया तो 15 सितम्बर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अलग अलग जिलों में पोषण माह का बहिष्कार करेंगी. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विभाग से मिले मोबाइल भी आउट ऑफ रीच कर दिए जाएंगे. (Bhopal Nutrition diet scam)
काम में देरी नहीं तो मानदेय में देरी क्यों ?: मौजूदा स्थिति ये है कि पिछले तीन महीने से 52 जिलों के 70 फीसदी आंगनवाड़ियों में कार्यकर्ताओं के मानदेय की एक किस्त का ही भुगतान हो पाया है. राज्य और केंद्र की अलग अलग हिस्सेदारी के साथ आंगनवाड़ियों कार्यकतों को करीब दस हजार रुपए मासिक का भुगतान होता है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सामने बड़ी चुनौती भवन का किराया भी है. कई केंद्रो को अब तक ये नहीं मिल सका है. अब संकट ये है कि इन लोगों से भवन खाली ना करवा लिए जाए. ऐसे में इनकी सबसे बड़ी चिंता है कि बच्चों को भोजन नहीं मिल पाएगा. भोपाल जिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन की कोषाध्यक्ष हाजरा काजमी कहना है कि हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बदौलत ही सरकार को करोड़ों का बजट मिल पाता है. हम ही रिपोर्ट बनाकर देते हैं. हम ही सिस्टम और समाज के बीच की कड़ी है. उसी को समय पर उसका मानदेय नहीं मिल रहा है. (Bhopal Anganwadi workers gave ultimatum)